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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 अप्रैल, 2023

  • 12 Apr 2023
  • 9 min read

राष्ट्रीय पार्टी 

भारत निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी है। निर्वाचन आयोग का यह निर्णय वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और वर्ष 2014 के बाद हुए 21 राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टियों के प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर लिया गया। इस मान्यता के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP), भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (INC), बहुजन समाज पार्टी (BSP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी (CPI-M) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के साथ AAP देश की छठी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में शामिल हो गई। यह स्थिति सुनिश्चित करती है कि पार्टी का चिह्न देश भर में उसके उम्मीदवारों हेतु आरक्षित है। इसके विपरीत तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC), राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया है। चुनाव आयोग का निर्णय चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 में निर्धारित मानदंडों पर आधारित था। अन्य शर्तों के अलावा एक राष्ट्रीय पार्टी को पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में चार या अधिक राज्यों में कम-से-कम 6% वोट शेयर प्राप्त होना चाहिये और लोकसभा में कम-से-कम चार सांसद होने चाहिये। अपनी समीक्षा में निर्वाचन आयोग ने पाया कि TMC ने अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर से वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, जबकि TMC ने गोवा, मणिपुर और मेघालय में अपनी राज्य पार्टी का दर्जा खो दिया। निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में CPI का राज्य पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया था।

 और पढ़ें: राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल 

गुरु तेग बहादुर प्रकाश पर्व

गुरु तेग बहादुर प्रकाश पर्व सिख धर्म के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर के जन्म को चिह्नित करने एवं उनके जीवन तथा शिक्षाओं को याद करने के लिये मनाया जाता है। इस वर्ष यह 11 अप्रैल, 2023 को मनाया जा रहा है। तेग बहादुर का जन्म 21 अप्रैल, 1621 को अमृतसर में हुआ था।  उनका पालन-पोषण उनके पिता गुरु हरगोविंद के मार्गदर्शन में हुआ था, जो मुगलों के खिलाफ एक सेना खड़ी करने और योद्धा संतों की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिये जाने जाते थे। सिख धर्म में तेग बहादुर का बहुत बड़ा योगदान है। उनके पद सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ 'गुरु ग्रंथ साहिब' में शामिल किये गए हैं। उन्होंने अपने एक मिशन के दौरान पंजाब के चक-नानकी शहर की स्थापना की, जो बाद में पंजाब के आनंदपुर साहिब का हिस्सा बन गया। दुर्भाग्य से गुरु तेग बहादुर को मुगल सम्राट औरंगज़ेब के आदेश पर वर्ष 1675 में दिल्ली में फाँसी दे दी गई थी। उन्हें एक संत और शहीद के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने धर्म और न्याय की स्वतंत्रता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिये अपना बलिदान दिया। 

और पढ़ें……. गुरु तेग बहादुर, सिख धर्म

महात्मा ज्योतिबा फुले 

प्रधानमंत्री ने महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। महात्मा जी एक महान समाज सुधारक, दार्शनिक और लेखक थे। उनका जन्म 11 अप्रैल, 1827 को भारत के महाराष्ट्र में हुआ था। वह बागवानी कृषकों की माली जाति से ताल्लुक रखते थे। फुले थॉमस पेन की पुस्तक 'द राइट्स ऑफ मैन' से बहुत प्रभावित थे, जिसने उन्हें स्वतंत्रता, समता और समाजवाद की वकालत करने के लिये प्रेरित किया। उनका मानना था कि सामाजिक बुराइयों के समाधान का एकमात्र तरीका महिलाओं और समाज के निम्न वर्गों के लोगों का ज्ञानवर्द्धन करना है। फुले द्वारा लिखी गई रचनाओं में प्रमुखतः 'तृतीय रत्न', 'गुलामगिरी', और 'शेतकान्यचा आसुड' आदि शामिल हैं। फुले ने वर्ष 1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना की, जिसका अर्थ 'सत्य के साधक' है। इसका उद्देश्य महाराष्ट्र में निम्न जातियों के लिये समान सामाजिक और आर्थिक लाभ प्राप्त करना था। वर्ष 1848 में, फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई ने पुणे में बालिकाओं के लिये पहले स्वदेशी स्कूल की स्थापना की, जहाँ पर वे दोनों शिक्षक के रूप में पढ़ाते थे। फुले लैंगिक समानता में विश्वास रखते थे और अपनी पत्नी को अपने सभी सामाजिक सुधार गतिविधियों में शामिल करते थे। उन्होंने युवा विधवाओं के लिये एक आश्रम की स्थापना की और विधवा पुनर्विवाह पर बल दिया। उन्होंने महाराष्ट्र में अस्पृश्यता और जाति व्यवस्था को खत्म करने की दिशा में कार्य किया। 28 नवंबर 1890 को उनका निधन हो गया, उनका स्मारक फुले वाडा, पुणे, महाराष्ट्र में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 'दलित' शब्द का इस्तेमाल 'वर्ण व्यवस्था' से बाहर रखे गये उत्पीड़ित जनता के लिये किया था। फुले की सक्रियता से डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और महात्मा गांधी प्रभावित थे।

और पढ़ें……. ज्योतिराव फुले

एकीकृत लाइसेंसिंग पोर्टल

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने भारत में फार्मा और रासायनिक उद्योग के लिये लाइसेंसिंग और प्राधिकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से एक एकीकृत पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल को "आत्मनिर्भर भारत" के लिये अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और रोगियों तथा उनके परिवारों को आवश्यक निद्रौषध और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ विभाग के संचालन में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित करने के लक्ष्य के साथ विकसित किया गया है। इस पोर्टल की सहायता से दवा निर्यातकों, आयातकों और निर्माताओं को आसान और सुरक्षित लेनदेन, सरलीकृत प्रक्रियाओं और संपर्क रहित संचालन को सुलभ बनाया जाएगा। इसे अन्य सरकारी सेवाओं जैसे भारत कोष, वस्तु एवं सेवा कर, पैन-NSDL सत्यापन, ई-संचित और UIDAI के साथ एकीकृत करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। यह पोर्टल केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो से लाइसेंस प्राप्त करने के लिये एकल बिंदु सेवाएँ प्रदान करता है। पोर्टल औषधीय, वैज्ञानिक और औद्योगिक उपयोग के लिये इन पदार्थों की उपलब्धता के बीच संतुलन बनाने हेतु एक प्रभावी उपकरण है जो कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ अवैध उपयोग के लिये उनके दुरुपयोग को भी सीमित करता है। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो विभिन्न संयुक्त राष्ट्र अभिसमय और NDPS अधिनियम, 1985 के तहत स्वापक औषधि, मनःप्रभावी पदार्थ और अग्रगामी रसायन के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को विनियमित करने वाला केंद्र सरकार का संगठन है।

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