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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 अक्तूबर, 2023

  • 10 Oct 2023
  • 8 min read

तीसरा इंतिफादा 

 हमास-इज़रायल संघर्ष की हालिया घटना ने तीसरे इंतिफादा के बारे में चिंताएँ बढ़ा दी हैं।

  • हमास एक उग्रवादी फिलिस्तीनी राष्ट्रवादी समूह है जिसने वर्ष 2006 से गाज़ा पर नियंत्रण कर रखा है।
  • इंतिफादा का अरबी में अर्थ है 'हिलाना' और इसका इस्तेमाल वेस्ट बैंक और गाज़ा में इज़रायली उपस्थिति के खिलाफ फिलिस्तीनी विद्रोह का वर्णन करने के लिये किया गया था।
  • पहला इंतिफादा वर्ष 1987 से 1993 तक और दूसरा इंतिफादा वर्ष 2000-2005 तक चला।
    • विद्रोह का नेतृत्व फिलिस्तीनी युवाओं ने किया था जो इज़रायली बाशिंदों के व्यवहार से तंग आ चुके थे।
    • दूसरे इंतिफादा की समाप्ति के बाद से इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव कम नहीं हुआ है।

और पढ़ें: इज़रायल-फिलिस्तीन 

ब्रह्मांड की सबसे प्रारंभिक आकाशगंगाएँ

एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में प्रारंभिक ब्रह्मांड के तारे के निर्माण और चमक के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान की गई है।

  • वर्ष 2022 से प्रारंभ जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ब्रह्मांड के प्रारंभिक इतिहास में एक उल्लेखनीय छवि प्रदान की है, जिसमें ब्रह्मांडीय भोर (कॉस्मिक डाॅन) से आकाशगंगाओं के संग्रह का खुलासा किया गया है।
  • शोधकर्ताओं के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि इन आकाशगंगाओं में तारों का निर्माण क्रमिक रूप से होने के बजाय विस्फोटों के रूप में हुआ, जो उन्हें हमारी आकाशगंगा जैसी आधुनिक तथा बड़ी आकाशगंगाओं से अलग करता है।
    • इन प्रारंभिक आकाशगंगाओं में तारे के निर्माण के विस्फोट से चमक में महत्त्वपूर्ण बदलाव हुए, जिससे वे वास्तव में जितनी बड़ी थीं, उससे कहीं अधिक विशाल दिखाई देने लगीं। खगोलशास्त्री आमतौर पर किसी आकाशगंगा के आकार का आकलन उसकी चमक के आधार पर करते हैं।
    • अध्ययन से पता चलता है कि तारे के निर्माण के विस्फोट से प्रकाश की तीव्र चमक उत्पन्न हुई, जिससे ये प्रारंभिक आकाशगंगाएँ अधिक चमकीली दिखाई देने लगीं।
  • छोटी आकाशगंगाओं में बहुत बड़े तारों के निर्माण और तीव्र विस्फोट के कारण विखंडित हुए तारे का निर्माण हो सकता है, जो अंतरिक्ष में गैस उत्सर्जन करतें हैं, जिससे तारा निर्माण के बाद के विस्फोटों को बढ़ावा मिलता है।
    • मज़बूत गुरुत्त्वाकर्षण प्रभाव वाली बड़ी आकाशगंगाओं में अधिक स्थिर, निरंतर तारे का निर्माण होता है।

और पढ़ें… जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

ऑपरेशन कच्छप

वन्यजीवों के अवैध व्यापार के विरुद्ध चल रही लड़ाई और इन अद्वितीय प्राणियों की सुरक्षा पर केंद्रित राजस्व खुफिया निदेशालय द्वारा आयोजित "कच्छप" नामक ऑपरेशन में गंगा नदी के लगभग एक हज़ार कछुओं को सफलतापूर्वक बचाया है।

  • भारत में गंगा नदी प्रणाली में कछुओं की 13 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, वर्तमान में उन्हें निवास स्थान की क्षति और प्रदूषण से उत्पन्न विभिन्न खतरों का सामना करना पड़ा है।
  • इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप इंडियन टेंट टर्टल, इंडियन फ्लैपशेल टर्टल, ब्लैक स्पॉटेड/पॉन्ड टर्टल और ब्राउन रूफ्ड टर्टल जैसे विभिन्न प्रजातियों के जीवित शिशु कछुओं को बरामद किया गया। प्रकृति संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में इनमें से कुछ को सुभेद्य अथवा संकटापन्न प्रजाति की श्रेणी का रखा गया है। साथ ही ये प्रजातियाँ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित हैं।
  • DRI भारत की प्रमुख तस्करी रोधी एजेंसी के रूप में कार्य करती है, जो केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, वित्त मंत्रालय के तहत काम करती है। यह वन्यजीवों के अवैध व्यापार सहित तस्करी के विभिन्न रूपों का पता लगाने और उनकी रोकथाम के लिये उत्तरदायी है।

स्वचालित 'अवस्था धारक' प्रमाणपत्र से भारतीय निर्यात को प्रोत्साहन

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री ने निर्यात संवर्द्धन परिषदों के साथ एक बैठक में विदेश व्यापार नीति (FTP) 2023 के तहत प्रणाली आधारित स्वचालित 'अवस्था धारक' प्रमाणपत्र जारी करने वाली एक महत्त्वपूर्ण पहल की शुरुआत की। 

  • अब निर्यातक को अवस्था प्रमाणपत्र के लिये विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) के कार्यालय में आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी और वाणिज्यिक खुफिया तथा सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCIS) के पास उपलब्ध माल निर्यात इलेक्ट्रॉनिक डेटा व अन्य जोखिम मानदंडों के आधार पर आई.टी. प्रणाली द्वारा निर्यात मान्यता प्रदान की जाएगी।
  • यह बदलाव अनुपालन बोझ को कम करता है और व्यापार सुलभता को बढ़ावा देता है।

लगभग 20,000 निर्यातकों को अवस्था प्रमाणपत्र के रूप में मान्यता देने वाली यह पहल, निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने और वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के हमारे निर्यात लक्ष्य तक पहुँचने में सहायता करेगी।

वार्षिक संयुक्त HADR अभ्यास 2023 (चक्रवात 2023)

वार्षिक संयुक्त HADR अभ्यास (AJHE) का 2023 संस्करण 09 अक्तूबर, 2023 से 11 अक्तूबर, 2023 तक गोवा में भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

  • वर्ष 2015 में शुरू किया गया यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में मानवीय संकटों और प्राकृतिक आपदाओं के लिये सामूहिक प्रतिक्रिया तंत्र को सशक्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
  • जलवायु परिवर्तन के कारण क्षेत्र की संवेदनशीलता तीव्र होने के साथ महासागरों के लिये भारत की समावेशी दृष्टि, जिसे सागर (SAGAR) के नाम से जाना जाता है, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) कार्यों के महत्त्व को रेखांकित करती है।
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