प्रारंभिक परीक्षा
QS वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स 2025
- 20 Jan 2025
- 5 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
QS वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स 2025 में भारत की रैंक 25वीं रही, जिससे इसे "फ्यूचर स्किल्स कंटेंडर" का स्थान प्राप्त हुआ। इस इंडेक्स के अंतर्गत वैश्विक रोज़गार बाज़ार की उभरती आवश्यकताओं की पूर्ति करने में संबद्ध देश की तत्परता का मूल्यांकन किया जाता है।
QS वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स क्या है?
- परिचय: क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) द्वारा विकसित, इस सूचकांक के अंतर्गत, नवाचार, संधारणीयता और प्रतिभा विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उभरते वैश्विक रोज़गार बाज़ार की मांगों को पूरा करने में देशों की तत्परता के आधार पर उनका श्रेणीकरण किया जाता है।
- संकेतक: सूचकांक के अंतर्गत चार संकेतकों का उपयोग कर किसी देश की कौशल-संचालित वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफल होने की तत्परता को मापा जाता है।
- कौशल अनुरूपता: इसके अंतर्गत यह मापा जाता है कि किसी देश की शिक्षा प्रणाली नियोक्ता की मांग के साथ कितने व्यवस्थित प्रकार से संरेखित है।
- शैक्षणिक तत्परता: यह विशेष रूप से उभरते क्षेत्रों जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), डिजिटल प्रौद्योगिकियों और हरित उद्योगों में छात्रों को भविष्य की नौकरियों के लिये प्रासंगिक कौशल प्रदान करनें में संबद्ध देश की उच्च शिक्षा प्रणालियों की क्षमता को दर्शाता है।
- आर्थिक परिवर्तन: इसके अंतर्गत उत्पादकता, नवाचार और संधारणीयता पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा, कार्यबल कौशल और औद्योगिक विकास के बीच अन्योन्यक्रिया की जाँच कर आर्थिक परिवर्तनों के प्रति देश की अनुकूलन क्षमता का आकलन किया जाता है।
- रोज़गार का भविष्य: इसमें भविष्य के रोज़गार के लिये देश की तत्परता का आकलन किया जाता है तथा तकनीकी और औद्योगिक परिवर्तनों के लिये अनुकूलनशीलता पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
QS वर्ल्ड फ्यूचर स्किल्स इंडेक्स 2025 में भारत का प्रदर्शन कैसा रहा है?
- रोज़गार का भविष्य: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और हरित उद्योगों जैसे भविष्य-केंद्रित कौशल में तत्परता में भारत का, अमेरिका के बाद, विश्व स्तर पर दूसरा स्थान रहा।
- यह उभरती हुई रोज़गार भूमिकाओं के लिये भारत की मांग-आधारित तत्परता को दर्शाता है।
- शैक्षणिक तत्परता: इसमें भारत का स्थान 26वाँ है, जो उच्च शिक्षा और भविष्य के रोज़गार बाज़ार की मांगों के बीच मध्यम संरेखण को दर्शाता है। नवाचार और अनुकूलनशीलता पर ज़ोर दिया गया किंतु इसका सुदृढ़ीकरण किया जाना आवश्यक है।
- कौशल अनुरूपता: इसमें भारत का स्थान 37वाँ रहा, जो शीर्ष 30 देशों में सबसे निम्न स्थान है। यह कार्यबल के कौशल और नियोक्ता की मांगों के बीच गंभीर अंतराल को दर्शाता है, जो रोज़गार बाज़ार की उभरती आवश्यकताओं के अनुकूल होने में भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली के भीतर चुनौतियों को उजागर करता है।
- आर्थिक परिवर्तन: इसमें भारत को 40वाँ स्थान प्राप्त हुआ, जो नवाचार और आर्थिक रणनीतियों को कार्यबल अनुकूलनशीलता के साथ संरेखित करने में चुनौतियों को उजागर करता है।
भविष्य के कौशल विकास से संबंधित भारत की पहल
- औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान
- हरित कौशल विकास कार्यक्रम
- विषयगत हब (टी-हब)
- स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स (SCGJ)
- कौशल भारत मिशन
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
- संकल्प योजना
- औद्योगिक मूल्य संवर्द्धन हेतु कौशल सुदृढ़ीकरण (STRIVE)
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