प्रारंभिक परीक्षा
BIS का प्रोजेक्ट नेक्सस
- 02 Jul 2024
- 8 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) प्रोजेक्ट नेक्सस (Project Nexus) में शामिल हो गया है, जो घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों (Fast Payments Systems- FPS) को आपस में जोड़कर तत्काल सीमा पार खुदरा भुगतान को सक्षम करने के लिये एक बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय पहल है।
प्रोजेक्ट नेक्सस क्या है?
- परिचय:
- प्रोजेक्ट नेक्सस की संकल्पना बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (Bank for International Settlements- BIS) के इनोवेशन हब द्वारा की गई है।
- इसका उद्देश्य विभिन्न वैश्विक घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों (Instant Payment Systems- IPS) को जोड़कर सीमा पार भुगतान को बढ़ाना है।
- यह भुगतान क्षेत्र में लाइव कार्यान्वयन की ओर बढ़ने वाली पहली BIS इनोवेशन हब परियोजना है।
- सदस्य:
- प्रोजेक्ट नेक्सस का उद्देश्य दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (Association of Southeast Asian Nations- ASEAN) के चार देशों अर्थात् मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और भारत के FPS को जोड़ना है, जो इस प्लेटफॉर्म के संस्थापक सदस्य तथा प्रथम प्रस्तावक देश होंगे।
- भविष्य में इंडोनेशिया भी इस मंच से जुड़ जाएगा।
- इस संबंध में एक समझौते पर स्विट्ज़रलैंड के बासेल में BIS और संस्थापक देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा हस्ताक्षर किये गए।
- प्रोजेक्ट नेक्सस का उद्देश्य दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (Association of Southeast Asian Nations- ASEAN) के चार देशों अर्थात् मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और भारत के FPS को जोड़ना है, जो इस प्लेटफॉर्म के संस्थापक सदस्य तथा प्रथम प्रस्तावक देश होंगे।
- लाभ:
- प्रोजेक्ट नेक्सस का उद्देश्य IPS को वैश्विक स्तर पर जोड़ने के तरीके को सुव्यवस्थित करना है, तथा एकल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कनेक्शनों को केंद्रीकृत करके प्रत्येक नए देश के साथ कस्टम कनेक्शन की आवश्यकता को समाप्त करना है।
- यह एकल कनेक्शन तीव्र भुगतान प्रणाली को नेटवर्क पर अन्य सभी देशों तक पहुँचने की अनुमति देता है।
- BIS के अनुसार, IPS को जोड़ने से प्रेषक से प्राप्तकर्त्ता तक 60 सेकंड के भीतर (अधिकांश मामलों में) सीमा पार भुगतान संभव हो सकता है।
- जबकि भारत तथा उसके साझेदार देश FPS की द्विपक्षीय संचार माध्यम से लाभान्वित होते रहेंगे, बहुपक्षीय दृष्टिकोण भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार करने में RBI के प्रयासों को और अधिक गति प्रदान करेगा।
अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (BIS)
- वर्ष 1930 में स्थापित BIS का स्वामित्व 63 केंद्रीय बैंकों के पास है, जो दुनिया भर के देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका विश्व सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 95% योगदान है।
- इसका मुख्य कार्यालय बेसल, स्विट्जरलैंड में है और इसके दो प्रतिनिधि कार्यालय (हांगकांग SAR तथा मैक्सिको सिटी) हैं, साथ ही दुनिया भर में इनोवेशन हब सेंटर भी हैं।
- इनोवेशन BIS 2025, इसकी मध्यम अवधि की रणनीति है जो तेज़ी से बदलती दुनिया में केंद्रीय बैंकिंग समुदाय की सेवा करने के लिये प्रौद्योगिकी और नए सहयोग माध्यमों का लाभ उठाती है।
- बेसल बैंकिंग समझौते, बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति (BCBS) द्वारा निर्धारित वैश्विक नियम हैं, जो स्विट्जरलैंड के बेसल में अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (BIS) के अंर्तगत कार्य करते हैं, और बैंकिंग में सर्वोत्तम प्रथाओं के लिये दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।
- यह केंद्रीय बैंकों को उपलब्ध कराता है:
- संवाद एवं व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये एक मंच
- उत्तरदायित्त्वपूर्ण नवाचार एवं ज्ञान-साझाकरण के लिये एक मंच
- मुख्य नीतिगत मुद्दों पर गहन विश्लेषण और अंतर्दृष्टि
- मज़बूत एवं प्रतिस्पर्द्धी वित्तीय सेवाएँ
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. 'एकीकृत भुगतान अंतराप्रष्ठ (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस/UPI)' को कार्यान्वित करने से निम्नलिखित में से किसके होने की सर्वाधिक संभाव्यता है? (2017) (a) ऑनलाइन भुगतानों के लिये मोबाइल वॉलेट आवश्यक नहीं होंगे। उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |