प्रिलिम्स फैक्ट्स : 28 जून, 2021 | 28 Jun 2021
प्रोजेक्ट सीबर्ड: आईएनएस कदंब
Project Seabird: INS Kadamba
हाल ही में रक्षा मंत्री ने 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' (Project Seabird) के दूसरे चरण के अंतर्गत चल रहे बुनियादी ढाँचे के विकास की समीक्षा के लिये कर्नाटक में कारवार नौसेना बेस का दौरा किया।
प्रमुख बिंदु
प्रोजेक्ट सीबर्ड फेज II:
- प्रोजेक्ट सीबर्ड में 11,169 एकड़ के क्षेत्र में एक नौसैनिक अड्डे का निर्माण शामिल है।
- प्रथम चरण में गहरे समुद्र में बंदरगाह, ब्रेकवाटर ड्रेजिंग, टाउनशिप, नौसैनिक अस्पताल और एक डॉकयार्ड अपलिफ्ट सेंटर का निर्माण शामिल था। इसे वर्ष 2005 में पूरा किया गया था।
- प्रोजेक्ट सीबर्ड के द्वितीय चरण को वर्ष 2012 में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी द्वारा मंज़ूरी दी गई थी। इसमें अतिरिक्त युद्धपोतों को रखने और अन्य योजनाओं के साथ एक नया नेवल एयर स्टेशन स्थापित करने के लिये सुविधाओं का विस्तार करने की परिकल्पना की गई है।
- आईएनएस कदंब (INS Kadamba) वर्तमान में तीसरा सबसे बड़ा भारतीय नौसैनिक अड्डा है और द्वितीय विस्तार चरण के पूरा होने के बाद पूर्वी गोलार्द्ध में सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा बनने की उम्मीद है।
- नौसेना का अकेला विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य कारवार में स्थित है। इस बेस में जहाज़ों एवं पनडुब्बियों के लिये देश की पहली सीलिफ्ट सुविधा, एक अद्वितीय "शिपलिफ्ट" और डॉकिंग तथा अनडॉकिंग स्थानांतरण प्रणाली भी है।
- इस परियोजना में कई तकनीकी और पर्यावरणीय चुनौतियाँ शामिल हैं।
भारतीय नौसेना में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के प्रयास:
- पिछले पाँच वित्तीय वर्षों में नौसेना के बजट का दो-तिहाई से अधिक स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है।
- 48 जहाज़ों और पनडुब्बियों में से 46 को स्वदेशी निर्माण के माध्यम से शामिल किया जा रहा है।
- प्रोजेक्ट 75 (I) में 43,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से अत्याधुनिक एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम (Air Independent Propulsion System) से लैस पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण की परिकल्पना की गई है।
- विमान वाहक विक्रांत, जिसके वर्ष 2022 में नौसेना में शामिल होने की संभावना है, नौसेना के आत्मनिर्भरता प्रयासों का एक प्रमुख उदाहरण है।
- नौसेना 'सागर' (SAGAR- Security & Growth for All in Region) पर ध्यान देने के साथ अपने समुद्री पड़ोसियों के साथ भारत के संबंधों को लगातार मज़बूत कर रही है।
- कोविड-19 महामारी से प्रभावित देशों से फँसे भारतीय नागरिकों को निकालने से लेकर विदेशों में ऑक्सीजन सिलेंडर सहित महत्त्वपूर्ण उपकरणों को लाने-ले जाने में भारतीय नौसेना ने (ऑपरेशन समुद्र सेतु - I और II) अथक प्रयास किया है।
- सागर को वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। यह हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) रणनीति पर आधारित है।