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पार्टिकुलेट मैटर और SO₂ नियंत्रण

  • 29 Oct 2024
  • 7 min read

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में CSIR- राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) ने भारतीय ताप विद्युत संयंत्रों (TPPs) में फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन (FGD) की स्थापना न करने की सलाह दी है, जिसमें कहा गया है कि सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) उत्सर्जन का परिवेशी वायु गुणवत्ता पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है। 

  • इस संस्थान की रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि SO₂ उत्सर्जन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय पार्टिकुलेट मैटर (PM) को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये।

नोट:

  • CSIR-NEERI भारत सरकार द्वारा निर्मित और वित्तपोषित एक अनुसंधान संस्थान है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1958 में नागपुर में की गई थी जिसका उद्देश्य जल आपूर्ति, सीवेज निपटान, संचारी रोग और कुछ हद तक औद्योगिक प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित करना था।

फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन (FGD) क्या है?

  • परिचय:
    • FGD जीवाश्म ईंधन संचालित बिजलीघरों के उत्सर्जन से सल्फर यौगिकों को हटाने की प्रक्रिया है।
    • इसका प्रयोग अतिरिक्त अवशोषक के रूप में किया जाता है, जो ग्रिप गैस से 95% तक सल्फर डाइऑक्साइड को पृथक कर सकता है।
      • जब कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस अथवा लकड़ी जैसे जीवाश्म ईंधन को ऊष्मा या विद्युत उत्पादन के लिये जलाया जाता है, तब इससे निकलने वाले पदार्थ को फ्लू गैस के रूप में जाना जाता है।

FGD स्थापित करने के लिये विद्युत संयंत्रों का वर्गीकरण:

वर्ग स्थान/क्षेत्र अनुपालन के लिये समय-सीमा
वर्ग A राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region- NCR) के 10 कि.मी. के दायरे में या दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर (भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार) 31 दिसंबर, 2024 तक
वर्ग B गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों या गैर-प्राप्ति शहरों के 10 कि.मी. के दायरे में (CPCB द्वारा परिभाषित) 31 दिसंबर, 2025 तक
वर्ग C वर्ग A और B में शामिल लोगों के अलावा अन्य 31 दिसंबर, 2026 तक

वायु प्रदूषण क्या है?

  • परिचय: 
    • वायु प्रदूषण में वायुमंडल में ठोस, तरल, गैस, शोर और रेडियोधर्मी विकिरण की उपस्थिति शामिल है, जो मनुष्यों, जीवित जीवों, संपत्ति या पर्यावरणीय प्रक्रियाओं के लिये हानिकारक होते है।
      • प्रदूषक के रूप में जाने जाने वाले ये पदार्थ प्राकृतिक या मानव निर्मित हो सकते हैं तथा विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे औद्योगिक प्रक्रियाएँ, वाहन उत्सर्जन, कृषि गतिविधियाँ, एवं प्राकृतिक घटनाएँ जैसे वनाग्नि और ज्वालामुखी विस्फोट।
  • कणिकीय पदार्थ (PM):
    • PM का तात्पर्य वायु में मौजूद अत्यंत सूक्ष्म कणों और तरल बूंदों के जटिल मिश्रण से है। इन कणों का आकार भिन्न भिन्न प्रकार का होता है और यह असंख्य यौगिकों से बने हो सकते हैं।
      • PM10 (स्थूल कण)- 10 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले कण।
      • PM2.5 (सूक्ष्म कण)- 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले कण।
  • सल्फर डाइऑक्साइड:
    • वायु प्रदूषण में SO2 उत्सर्जन का प्रमुख योगदान है। यह वायुमंडल में मौजूद अन्य यौगिकों के साथ अभिक्रिया कर छोटे कण बना सकता है। 
      • ये कण PM प्रदूषण में योगदान करते हैं।
    • वायुमंडल में SO2 का सबसे बड़ा स्रोत बिजली संयंत्रों और अन्य औद्योगिक सुविधाओं में जीवाश्म ईंधन का दहन है।
      • अन्य स्रोतों में औद्योगिक प्रक्रम जैसे अयस्क से धातु का निष्कर्षण, प्राकृतिक स्रोत जैसे ज्वालामुखी तथा इंजन, जहाज़ और अन्य वाहन एवं भारी उपकरण शामिल हैं जिसमें उच्च सल्फर सामग्री वाले ईंधन का दहन शामिल है।
  • वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिये सरकारी पहल:

नोट: एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ (1986) मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के मूल अधिकार के भाग के रूप में माना।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. ताम्र प्रगलन संयंत्रों के बारे में चिंता का कारण क्या है? (2021)

  1. वे पर्यावरण में कार्बन मोनोक्साइड को घातक मात्राओं में निर्मुक्त कर सकते हैं।
  2. ताम्रमल (कॉपर स्लैग) पर्यावरण में कुछ भारी धातुओं के निक्षालन (लीचिंग) का कारण बन सकता है।
  3. वे सल्फर डाइऑक्साइड को एक प्रदूषक के रूप में निर्मुक्त कर सकते हैं।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


प्रश्न 2. भट्टी तेल (फर्नेस ऑयल) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये- (2021)

  1. यह तेल परिष्करणियों (रिफाइनरी) का एक उत्पाद है।
  2. कुछ उद्योग इसका उपयोग ऊर्जा (पावर) उत्पादन के लिये करते हैं।
  3. इसके उपयोग से पर्यावरण में गंधक का उत्सर्जन होता है।

उपर्युक्त में से कौन से कथन सत्य हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

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