स्पाइरल गैलेक्सी पर नया अध्ययन | 05 Jul 2024

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, एक नए अध्ययन से पता चला है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड में खगोलविदों द्वारा पूर्व में लगाए गए अनुमान से अधिक बड़ी स्पाइरल गैलेक्सी (सर्पिल आकाशगंगाएँ) थीं

स्पाइरल गैलेक्सी पर शोध की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • विद्यमान सिद्धांत: खगोल विज्ञान में यह माना जाता है कि जैसे-जैसे ब्रह्मांड गर्म एवं  सघन अवस्था से ठंडा होता गया, इसमें अत्यधिक मात्रा में गर्म गैसें शामिल हो गईं। इस गैस ने गुच्छों का निर्माण किया जो अंततः गैलेक्सी का निर्माण करने में सहायक सिद्ध हुए।
    • ये प्रारंभिक गैलेक्सीयाँ अनियमित आकार की थीं और इनमें चपटी डिस्क नहीं थीं, जैसी कि हम आज स्पाइरल गैलेक्सी में देखते हैं।
    • अरबों वर्षों में जब ये गैलेक्सीयाँ ठंडी होती गईं, तब इनमें मोटी, गर्म डिस्क विकसित हुई, जो बाद में चपटी होकर स्पाइरल आर्म (सर्पिल भुजाओं) में परिवर्तित हो गईं, जिन्हें मनुष्य वर्तमान रूप में पहचानता है।
  • अप्रत्याशित प्रारंभिक गठन: उपरोक्त सिद्धांत के विपरीत, नए अध्ययन से पता चलता है कि स्पाइरल गैलेक्सी बहुत पहले निर्मित हुई होंगी, लगभग उसी समय जब अन्य प्रकार की  गैलेक्सीयाँ  विकसित हो रही थीं।
    • अध्ययन में 873 गैलेक्सीयों का विश्लेषण करने के लिये नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के डेटा का उपयोग किया गया, जिसमें कम से कम 216 की पहचान स्पाइरल गैलेक्सी के रूप में की गई।
    • शोध में पाया गया कि बिग-बैंग के बाद 3 अरब से 7 अरब वर्षों के बीच स्पाइरल आकार वाली गैलेक्सीयों का अनुपात अत्यधिक बढ़ गया, जो लगभग 8% से बढ़कर 48% हो गया।
  • तारों के निर्माण हेतु निहितार्थ: अध्ययन के परिणाम तारों के निर्माण की दर तथा स्पाइरल गैलेक्सीयों में पृथ्वी जैसे ग्रहों के निर्माण के लिये आवश्यक परिस्थितियों की वर्तमान समझ को प्रभावित कर सकते हैं।
    • सुपरनोवा से उत्पन्न स्पाइरल आर्म में भारी तत्त्वों की उपस्थिति ग्रह निर्माण हेतु महत्त्वपूर्ण है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST)

  • JWST, हबल स्पेस टेलीस्कोप का अनुवर्ती टेलीस्कोप है। यह एक बड़ा, इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है जिसे ब्रह्मांड की दूरस्थ वस्तुओं का अवलोकन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • यह NASA, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) के संयुक्त सहयोग से बनाया गया है।

गैलेक्सी कितने प्रकार की होती हैं?

प्रकार

विवरण

उदाहरण

स्पाइरल गैलेक्सी 

स्पाइरल भुजाओं वाली चपटी डिस्क (तारा निर्माण के सक्रिय क्षेत्र) युक्त, केंद्र में उभार। वर्जित अथवा अबर्द्धित हो सकता है।

मिल्की वे, एंड्रोमेडा गैलेक्सी

एलिप्टिकल गैलेक्सी 

निर्बाध, अंडाकार या गोलाकार, गैस और धूल युक्त, अधिकतर पुराने तारे विद्यमान होते हैं।

मेसियर 87

लेंटिक्युलर गैलेक्सी 

स्पाइरल और एलिप्टिकल के बीच की श्रेणी, डिस्क युक्त किंतु भुजा का अभाव।

सोम्ब्रेरो गैलेक्सी

इर्रेगुलर गैलेक्सी 

कोई नियमित आकार नहीं, वामन या बृहद हो सकता है।

बृहद मैगेलैनिक मेघ

एक्टिव गैलेक्सी 

सुपरमैसिव ब्लैक होल द्वारा संचालित, तारों की तुलना में केंद्र से 100 गुना अधिक प्रकाश उत्सर्जित करता है।

विभिन्न उपप्रकार

सीफर्ट गैलेक्सी 

सबसे सामान्य सक्रिय आकाशगंगा, इन्फ्रारेड और एक्स-रे का उत्सर्जित करती है।

टाइप I और II सीफर्ट आकाशगंगाएँ

क्वासर

सर्वाधिक चमकदार सक्रिय आकाशगंगा, स्पेक्ट्रम और विभिन्न प्रबल जेट में प्रकाश उत्सर्जित करती है।

मार्केरियन 231

ब्लेज़ार 

पृथ्वी की ओर निर्देशित जेट वाली सक्रिय आकाशगंगाएँ, अत्यधिक दीप्तिमान।

TXS 0506+056

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित परिघटनाओं पर विचार कीजिये: (2018)

  1. प्रकाश ,गुरुत्व द्वारा प्रभावित होता है। 
  2. ब्रह्मांड लगातार फैल  रहा है। 
  3. पदार्थ अपने चारों ओर के दिक्काल को विकुंचित (वार्प) करता है।

उपर्युक्त में से एल्बर्ट आइंस्टीन के आपेक्षिकता के सामान्य सिद्धांत का/के भविष्य कथन कौन सा/से  है/हैं, जिसकी/जिनकी प्रायः समाचार माध्यमों में  विवेचना  होती है?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न: निम्नलिखित घटनाओं पर विचार करें: (2013)

  1. संध्या के समय सूर्य का आकार
  2. भोर के समय सूर्य का रंग
  3. भोर के चंद्रमा का दिखाई देना
  4. आकाश में तारों का टिमटिमाना
  5. आकाश में ध्रुव तारा दिखाई देना

उपर्युक्त में से क्या दृष्टिभ्रम हैं?

(a) 1, 2 और 3
(b) 3, 4 और 5
(c) 1, 2 और 4
(d) 2, 3 और 5

उत्तर: (c)