राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति | 06 Jun 2023
भारत सरकार एक राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति शुरू करने के लिये तैयार है जिसका उद्देश्य क्षेत्र के विकास और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल वातावरण बनाना है।
- ई-कॉमर्स नीति पहली बार वर्ष 2018 में प्रस्तावित की गई थी और वर्ष 2019 में ई-कॉमर्स नीति का मसौदा जारी किया गया था।
- उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक सुव्यवस्थित नियामक ढाँचे, तकनीकी प्रगति तथा कुशल आपूर्ति शृंखला एकीकरण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
आगामी ई-कॉमर्स नीति के बारे में प्रमुख बिंदु:
- उद्देश्य:
- राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का उद्देश्य एक नियामक ढाँचा स्थापित करना है जो इस क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी प्रदान करता हो।
- निर्यात को बढ़ावा देना:
- यह नीति भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण निर्यात क्षमता को बढ़ावा देगी।
- वर्ष 2030 तक भारत की ई-कॉमर्स निर्यात क्षमता सालाना 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच होने का अनुमान है।
- वैश्विक क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स निर्यात वर्ष 2025 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है, भारत का लक्ष्य इस विकास अवसर को अपने पक्ष में करना है।
- यह नीति भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण निर्यात क्षमता को बढ़ावा देगी।
- नियामक निकाय और FDI:
- ई-कॉमर्स क्षेत्र हेतु नियामक स्थापित करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है, हालाँकि इसके क्रियान्वयन में समय लग सकता है।
- स्थानीय व्यापारियों के संघ ई-कॉमर्स नियमों को लागू करने और उल्लंघनों को रोकने हेतु सशक्त नियामक निकाय की मांग करते रहे हैं।
- जबकि मार्केटप्लेस मॉडल में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) की अनुमति है, इन्वेंट्री-आधारित मॉडल में FDI की अनुमति नहीं है।
- व्यापारियों की चिंताओं को उजागर करना:
- व्यापारियों ने ई-कॉमर्स के नियमों के उल्लंघन, जैसे- भारी छूट और चुनिंदा विक्रेताओं को वरीयता दिये जाने को लेकर चिंता जताई है।
- नीति का उद्देश्य इन मुद्दों को स्पष्ट करना और ई-कॉमर्स में FDI को नियंत्रित करने वाले नियमों में अधिक पारदर्शिता प्रदान करना है।
- उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 और प्रस्तावित संशोधनों को निरंतरता के लिये ई-कॉमर्स नीति के साथ जोड़ा जाएगा।
- व्यापक ढाँचा:
- ई-कॉमर्स नीति इस क्षेत्र के लिये एक व्यापक ढाँचे के रूप में काम करेगी, जो विभिन्न शासकीय कार्यों के बीच सुसंगतता सुनिश्चित करेगी।
- यह क्षेत्र FDI नीति, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 द्वारा शासित है।
- नीति का उद्देश्य इन विनियमों को सुव्यवस्थित करना और ई-कॉमर्स उद्योग के विकास के लिये अनुकूल वातावरण बनाना है।
- ई-कॉमर्स नीति इस क्षेत्र के लिये एक व्यापक ढाँचे के रूप में काम करेगी, जो विभिन्न शासकीय कार्यों के बीच सुसंगतता सुनिश्चित करेगी।
भारत सरकार की ई-कॉमर्स संबंधित अन्य पहलें:
- भारतनेट परियोजना का शुभारंभ:
- प्रत्येक पंचायत में स्थानीय निकायों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में ई-कॉमर्स की पहुँच बढ़ेगी।
- ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC):
- इस नेटवर्क का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को डिजिटल कॉमर्स में व्यापक स्तर पर बढ़ने और ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करने के लिये समान अवसर प्रदान करना है
- डिजिटल इंडिया पहल:
- डिजिटल इंडिया पहल ने स्टार्ट-अप इंडिया और आत्मानिर्भर भारत सहित सरकार के नेतृत्व वाली अन्य पहलों को सुदृढ़ गति प्रदान की है जिनकी वैश्विक सफलताओ में परिवर्तित होने की अपार संभावनाएँ हैं।