भारतीय अर्थव्यवस्था
DPIIT के आयकर नियम संशोधन संबंधित सुझाव
- 08 May 2019
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चर्चा में क्यों?
उद्योग संवर्द्धन और आतंरिक व्यापार विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) ने स्टार्टअप्स को फंड जुटाने में मदद करने के लिये आयकर नियमों में ढील देने का प्रस्ताव दिया है। यह सुझाव स्टार्ट-अप इंडिया विज़न 2024 का हिस्सा है जिसका डीपीआईआईटी द्वारा नई सरकार के उभरते उद्यमियों के व्यापार में बढ़ोत्तरी करना है एवं उन समस्याओं को कम करना है जो उन्हें वित्त इकठ्ठा करते समय उत्पन्न होती है।
प्रमुख बिंदु
- स्टार्ट-अप्स हेतु विनियामक आवश्यकताओं को आसान बनाने के लिये डीपीआईआईटी ने आयकर अधिनियम के अनुच्छेद 54GB (आवासीय संपत्ति के हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ संबंधी कुछ मामलों में चार्ज नहीं लगाया जाना चाहिये) और अनुच्छेद-79 (कुछ कंपनियों के घाटे की स्थिति में उनके संचालन से संबंधित) को संशोधित करने का सुझाव दिया है। क्योंकि अक्सर उद्यमी अपने व्यापार को और अधिक विकसित करने अथवा संचालित करने हेतु अपनी आवासीय सम्पत्तियाँ बेच देते हैं।
- इस संशोधन का एक भाग यह भी है कि इसने संस्थापकों की शेयरधारिता की आवश्यक शर्त को 50 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने और अनिवार्य होल्डिंग अवधि को 5 वर्ष से 3 वर्ष करने का प्रस्ताव दिया है। इससे संपत्तियों को बेचकर पूंजी जुटाने में आसानी होगी।
- इसने अनुच्छेद-79 के संदर्भ में यह सुझाव दिया है कि व्यापार में हिस्सेदारी संबंधी अनिवार्यताओं में भी ढील दिये जाने की ज़रूरत है जिससे घाटे के जोखिम को कम किया जा सके।
- वर्तमान में स्टार्ट-अप प्रोत्साहक घाटे को अगले वित्त वर्ष में तभी स्थानांतरित कर सकते है, जब उनके पास 100% की अंशधारिता हो। इस शर्त को कम करके 26% पर लाया जाना चाहिये, जिससे यह नए निवेशकों को स्टार्ट-अप में निवेश करने को प्रोत्साहित करेगा।
स्टार्ट-अप इंडिया
- स्टार्ट-अप इंडिया (Start-up India) भारत सरकार की प्रमुख पहल है जो जनवरी 2016 में प्रारंभ की गई थी ताकि स्थायी आर्थिक विकास किया जा सके और रोज़गार के अवसर पैदा हो सकें। इस पहल के माध्यम से सरकार का उद्देश्य नवाचार और डिज़ाइन के द्वारा स्टार्ट-अप को सशक्त बनाना है।
- इस स्टार्ट-अप इंडिया योजना के अंतर्गत सरकार कर तथा विकास में प्रोत्साहन देती है। अब तक विभाग द्वारा 18,151 स्टार्टअप्स को मान्यता दी गई है।
उद्योग संवर्द्धन और आतंरिक व्यापार विभाग
- डीपीआईआईटी जो कि उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने पहले ही नवोदित उधमियों को बढ़ावा देने के लिये अन्य उपायों जैसे- करों में राहत का प्रस्ताव रखा था।
- इस दस्तावेज़ का प्रमुख लक्ष्य 2024 तक देश में 50,000 नए स्टार्ट-अप्स स्थापित करने और 20 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा करना है।
- इसके अन्य सुझावों में निहित लक्ष्यों के तहत 500 नए इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर की स्थापना, शहरी स्थानीय निकायों में 100 नवाचार क्षेत्र एवं 10,000 करोड़ रुपए के फंड की व्यवस्था, इनक्यूबेटरों को निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (Corporate Social Responsibility) के द्वारा मिलने वाली फंडिंग का विस्तार करना शामिल है।