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राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति

  • 06 Jun 2023
  • 5 min read

भारत सरकार एक राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति शुरू करने के लिये तैयार है जिसका उद्देश्य क्षेत्र के विकास और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल वातावरण बनाना है।

आगामी ई-कॉमर्स नीति के बारे में प्रमुख बिंदु: 

  • उद्देश्य: 
    • राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति का उद्देश्य एक नियामक ढाँचा स्थापित करना है जो इस क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी प्रदान करता हो।
  • निर्यात को बढ़ावा देना: 
    • यह नीति भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण निर्यात क्षमता को बढ़ावा देगी।
      • वर्ष 2030 तक भारत की ई-कॉमर्स निर्यात क्षमता सालाना 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बीच होने का अनुमान है।
      • वैश्विक क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स निर्यात वर्ष 2025 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है, भारत का लक्ष्य इस विकास अवसर को अपने पक्ष में करना है।
  • नियामक निकाय और FDI: 
    • ई-कॉमर्स क्षेत्र हेतु नियामक स्थापित करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है, हालाँकि इसके क्रियान्वयन में समय लग सकता है।
    • स्थानीय व्यापारियों के संघ ई-कॉमर्स नियमों को लागू करने और उल्लंघनों को रोकने हेतु सशक्त नियामक निकाय की मांग करते रहे हैं।
    • जबकि मार्केटप्लेस मॉडल में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) की अनुमति है, इन्वेंट्री-आधारित मॉडल में FDI की अनुमति नहीं है।
  • व्यापारियों की चिंताओं को उजागर करना: 
    • व्यापारियों ने ई-कॉमर्स के नियमों के उल्लंघन, जैसे- भारी छूट और चुनिंदा विक्रेताओं को वरीयता दिये जाने को लेकर चिंता जताई है।
    • नीति का उद्देश्य इन मुद्दों को स्पष्ट करना और ई-कॉमर्स में FDI को नियंत्रित करने वाले नियमों में अधिक पारदर्शिता प्रदान करना है। 
    • उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 और प्रस्तावित संशोधनों को निरंतरता के लिये ई-कॉमर्स नीति के साथ जोड़ा जाएगा।
  • व्यापक ढाँचा:

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स्रोत: फाइनेंसियल एक्सप्रेस

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