राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र | 25 Nov 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
पटना में राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र (NDRC) को अपने उद्घाटन के आठ महीनों बाद भी निष्क्रियता का सामना करना पड़ रहा है, जो गंगा नदी डॉल्फिन के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण चुनौतियों और पहलों को रेखांकित करता है।
- अपनी स्थापना के बावज़ूद, आवश्यक उपकरणों और कुशल कर्मियों की कमी के कारण यह अभी भी क्रियान्वित नहीं हुआ है।
- NDRC का उद्घाटन वर्ष 2024 में किया गया, यह गंगा नदी डॉल्फिन पर शोध और संरक्षण के लिये समर्पित है।
- यह गंगा नदी पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य डॉल्फिन के व्यवहार, आवास और संरक्षण संबंधी संकट पर अध्ययन को सुविधाजनक बनाना है।
- गंगा डॉल्फिन संरक्षण हेतु पहलें:
- प्रोजेक्ट डॉल्फिन
- गंगा डॉल्फिन के लिये संरक्षण कार्य योजना: इसे राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया, जिसमें आवास संरक्षण, सामुदायिक भागीदारी और मानव-डॉल्फिन संघर्ष के शमन के लिये विशिष्ट कार्यों का विवरण दिया गया था।
- इस योजना में डॉल्फिन की आबादी और उसके जीवन संबंधी संकट का आकलन करने के लिये सर्वेक्षण करना तथा स्थानीय समुदायों में जागरुकता बढ़ाना शामिल है।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN: लुप्तप्राय
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972: अनुसूची-I
- लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES): परिशिष्ट-I
- प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (CMS): परिशिष्ट-I.
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