MSME के लिये पारस्परिक ऋण गारंटी योजना | 03 Feb 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के लिये म्यूचुअल क्रेडिट अथवा पारस्परिक ऋण गारंटी योजना (MCGS-MSME) की शुरूआत को स्वीकृति दे दी है।
MCGS-MSME क्या है?
- परिचय: यह एक ऐसी पहल जिसके अंतर्गत ऋणदाताओं द्वारा अनुभव किये जाने वाले जोखिम को कम कर MSME को दिये जाने वाले ऋण के लिये गारंटी प्रदान करते हुए उनके लिये (MSME) ऋण प्रप्ति को सुविधाजनक बनाया जाएगा।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- लक्ष्यित उधारकर्ता: वैध उद्यम पंजीकरण संख्या वाले MSME।
- ऋण सीमा: उपकरण/मशीनरी की खरीद के लिये अधिकतम 100 करोड़ रुपए का ऋण।
- ऋण गारंटी: राष्ट्रीय ऋण गारंटी न्यासी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) द्वारा सदस्य ऋण संस्थानों (MLI) को ऋण का 60% गारंटी कवरेज प्रदान किया जाएगा।
- परियोजना लागत: उपकरण/मशीनरी की न्यूनतम लागत परियोजना लागत का 75% है।
- योजना अवधि: 4 वर्ष की अवधि के लिये अथवा 7 लाख करोड़ रुपए की संचयी गारंटी जारी होने तक, जो भी पहले हो।
- महत्त्व:
- विनिर्माण को बढ़ावा: इससे MSME के लिये ऋण उपलब्धता बढ़ेगी, जिनका भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 17% का योगदान है।
- मेक इन इंडिया के लिये समर्थन: यह GDP में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को 25% तक बढ़ाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- ऋण प्राप्ति: इस पहल के अंतर्गत MSME के विस्तार के लिये संपार्श्विक-मुक्त ऋण की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- रोज़गार वृद्धि: 27 मिलियन से अधिक लोगों को रोज़गार के साथ इससे विनिर्माण क्षेत्र में रोज़गार के महत्त्वपूर्ण अवसर सर्जित होंगे।
नोट: MLI का तात्पर्य उन सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (SCB), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों (AIFI) से है, जिन्होंने योजना के तहत NCGTC के साथ पंजीकरण कराया है।
राष्ट्रीय ऋण गारंटी न्यासी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) क्या है?
- परिचय: NCGTC एक उभयनिष्ठ न्यासी कंपनी है जो विभिन्न ऋण गारंटी न्यास निधियों का प्रबंधन और संचालन करती है, ताकि उधारकर्त्ताओं को उधारदाताओं के साथ उधार जोखिम साझा कर वित्त प्राप्ति में सहायता प्रदान की जा सके।
- यह MSME, स्टार्टअप और सुभेद्य समूहों जैसे वंचित क्षेत्रों में ऋण विस्तार को प्रोत्साहित करते हुए ऋणदाताओं (जैसे बैंक और वित्तीय संस्थान) को ऋण गारंटी प्रदान करता है।
- स्थापना: इसकी स्थापना मार्च 2014 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 10 करोड़ रुपए की चुकता पूंजी के साथ की गई थी।
- यह एक निजी लिमिटेड कंपनी है जिस पर पूर्णतः भारत सरकार का स्वामित्व है तथा यह वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के अधीन संचालन करती है।
- कवरेज: NCGTC वर्तमान में MCGS-MSME, माइक्रो यूनिट्स हेतु क्रेडिट गारंटी फंड (CGFMU), इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) सहित 14 समर्पित ऋण गारंटी ट्रस्ट योजनाओं का प्रबंधन करती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. विनिर्माण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार की हाल की नीतिगत पहल क्या है/हैं? (2012)
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