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टैनेजर-1 का प्रक्षेपण

  • 02 Sep 2024
  • 2 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration- NASA) ने कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन के प्रमुख उत्सर्जकों का पता लगाने के लिये टैनेजर-1 उपग्रह (Tanager-1 Satellite) लॉन्च किया।

  • टैनेजर-1 पृथ्वी की सतह से परावर्तित प्रकाश की तरंगदैर्घ्य को मापने के लिये इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा।
    • मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड प्रकाश की विभिन्न तरंगदैर्घ्य को अवशोषित करते हैं तथा वर्णक्रमीय “फिंगरप्रिंट” छोड़ते हैं, जिन्हें इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर पहचान सकता है।
  • यह वैश्विक स्तर पर व्यक्तिगत सुविधाओं और उपकरणों के स्तर तक बिंदु-स्रोत उत्सर्जन को मापने में सक्षम होगा।
  • इससे पहले नासा ने मीथेनसैट लॉन्च किया था, जो मीथेन उत्सर्जन पर नज़र रखता है और उसे मापता है।
  • मीथेन: मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है और कार्बन डाइऑक्साइड के बाद ग्लोबल वार्मिंग में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। यह वैश्विक तापन के 30% के लिये जिम्मेदार है।
    • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार 20 वर्षों की अवधि में यह कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 80 गुना अधिक तापमान वृद्धि करने में सक्षम है।
    • यह ज़मीनी स्तर पर ओज़ोन के निर्माण में भी योगदान देता है, जो एक रंगहीन और अत्यधिक उत्तेजक गैस है, जो पृथ्वी की सतह के ठीक ऊपर बनती है।

और पढ़ें: ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिये मीथेन शमन

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