प्रारंभिक परीक्षा
जमैका के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा
- 08 Oct 2024
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स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जमैका के प्रधानमंत्री ने व्यापार और निवेश समेत विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिये भारत का दौरा किया। यह जमैका के प्रधानमंत्री की भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।
इस यात्रा के प्रमुख परिणाम क्या हैं?
- भारत के राष्ट्रपति से मुलाकात:
- दोनों नेताओं ने संसदीय, शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग समेत विभिन्न स्तरों पर साझेदारी को और अधिक मज़बूत करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।
- राष्ट्रपति ने वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के तीनों संस्करणों में जमैका की भागीदारी को सराहा साथ ही L-69 जैसे समूहों के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार के लिये दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता पर बल दिया।
विभिन्न समझौता ज्ञापनों (MOU) पर हस्ताक्षर किये गए:
- भारत और जमैका की सरकारें सफल डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम और खेल में सहयोग साझा करने के लिये सहयोग करती हैं। जिसमें इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड और ईगोव जमैका लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन शामिल है।
वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन (VOGSS)
- यह भारत के नेतृत्व में एक नवीन और विशिष्ट पहल है, जिसका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों को एक साथ लाना तथा विभिन्न मुद्दों पर एक साझा मंच पर उनके दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को साझा करना है।
- यह भारत के वसुधैव कुटुंबकम, या "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" के दर्शन और प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
भारत और जमैका के बीच संबंध
- भारत जमैका की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था, जिसने वर्ष 1962 में उसके साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये तथा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की यात्रा के बाद वर्ष 1976 में किंग्स्टन में एक रेजीडेंट मिशन की स्थापना की।
- जमैका ने वर्ष 2020 में भारत में अपना रेजिडेंट मिशन स्थापित किया।
- भारत और जमैका ने ऐतिहासिक रूप से सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं, जो इतिहास, संसदीय लोकतंत्र, राष्ट्रमंडल सदस्यता और क्रिकेट के प्रति आपसी प्रेम के साझा संबंधों पर आधारित हैं।
- जमैका 70,000 की संख्या वाले भारतीय प्रवासियों का स्थान है, जो गिरमिटिया देशों में से एक है, यह दोनों देशों के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है। वर्ष 2022 जमैका में भारतीय समुदाय की उपस्थिति के 177 वर्ष पूर्ण होने का प्रतीक है।
- गिरमिटिया देश वे देश हैं, जहाँ भारतीय गिरमिटिया मज़दूर बस गए, जैसे फिज़ी, गुयाना, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो तथा रीयूनियन द्वीप।
- दोनों देश गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) और G-77 जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सदस्य हैं।
- विकासशील देश होने के नाते, भारत और जमैका के लक्ष्य समान हैं, जैसे आर्थिक विकास, समानता, निर्धनता उन्मूलन और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार।
जमैका
- यह वेस्टइंडीज का एक द्वीपीय देश है, जो कैरेबियन सागर में क्यूबा और हिस्पानियोला के बाद तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है।
- यह हैती के पश्चिम में, क्यूबा के दक्षिण में, मुख्य भूमि के निकटतम बिंदु केप ग्रेसियस-ए-डिओस के उत्तर-पूर्व में, मध्य अमेरिका के कैरीबियाई तट पर स्थित है।
- राष्ट्रीय राजधानी किंग्स्टन है।
- इसकी आबादी अफ्रीकी मूल की है, जो यूरोपीय उपनिवेशवादियों द्वारा लाए गए दासों की वंशज है।
- जमैका को वर्ष 1962 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली और वह राष्ट्रमंडल का सदस्य बना हुआ है।