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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का आह्वान

  • 30 Sep 2024
  • 12 min read

प्रारंभिक परीक्षा के लिये:

L69 और C-10 देश, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, G4 देश, संयुक्त राष्ट्र महासभा, सुरक्षा परिषद में भारत की भागीदारी।

मुख्य परीक्षा के लिये:

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सुधार प्रक्रिया, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का महत्त्व।

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2025 में संयुक्त राष्ट्र (UN) की 80वीं वर्षगाँठ आने के आलोक में G4 देशों (भारत, ब्राज़ील, जर्मनी और जापान) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में तत्काल सुधार की अपनी मांग को दोहराया है। 

  • इसका समर्थन अन्य बहुपक्षीय समूहों जैसे L69 और C-10 द्वारा भी किया गया है।
  • इसके अलावा भारत ने 79वें UNGA शिखर सम्मेलन को संबोधित करने तथा वैश्विक विकास एवं सुधारों पर अपना दृष्टिकोण रखने के साथ इस संदर्भ में सिफारिशें कीं।

G4, L69 और C-10 समूह क्या हैं?

  • L69 समूह:
    • L69 समूह में एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, कैरीबियाई तथा प्रशांत क्षेत्र के 42 विकासशील देश हैं, जिनमें भारत भी शामिल है। 
    • यह वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने तथा जवाबदेही और प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के क्रम में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी एवं अस्थायी सदस्यता के विस्तार पर केंद्रित है।
      • यह समूह प्रत्येक 15 वर्ष में स्थायी सदस्यता संरचना की समीक्षा पर बल देता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इससे उभरती वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जा सके।
    • इस समूह का नाम वर्ष 2007-08 में प्रस्तुत "L69" मसौदा दस्तावेज के नाम पर रखा गया, जिससे अंतर-सरकारी वार्ता (IGN) प्रक्रिया की शुरुआत हुई थी।
  • C-10 समूह:
    • अफ्रीकी संघ के दस (C-10) राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों की समिति में 10 अफ्रीकी देश शामिल हैं।  
    • इसका उद्देश्य अफ्रीका के प्रतिनिधित्व की वकालत करके तथा अफ्रीका की स्थिति को उन्नत बनाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करना है, जो एज़ुल्विनी सर्वसम्मति और सिरते घोषणा पर आधारित है।
      • वर्ष 2005 में अफ्रीकी संघ द्वारा स्वीकृत एज़ुल्विनी सर्वसम्मति का उद्देश्य अफ्रीका को वीटो शक्ति के साथ 2 स्थायी सीटें और 5 गैर-स्थायी सीटें प्रदान करके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करना है जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बेहतर प्रतिनिधित्व के साथ लोकतांत्रिक मूल्यों को सुनिश्चित करना है।
      • सिरते घोषणा (1999) का आशय अफ्रीकी संघ की स्थापना और अफ्रीकी महाद्वीप में शांति तथा सुरक्षा संबंधी मुद्दों के संदर्भ में अपनाया गया संकल्प है।
  • G4 समूह:
    • G4 समूह में ब्राज़ील, जर्मनी, भारत और जापान शामिल हैं जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनने के इच्छुक हैं।
    • इसकी स्थापना वर्ष 2004 में की गई थी और यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
    • G4 देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिये एक-दूसरे के प्रयासों का समर्थन करते हैं तथा आमतौर पर वार्षिक रूप से होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के उच्च स्तरीय सम्मलेन के दौरान बैठकें करते हैं।

अंतर-सरकारी वार्ता (IGN)

UNSC

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिये अनुच्छेद 108 में उल्लिखित 2 चरणीय प्रक्रिया का पालन करते हुए संयुक्त राष्ट्र चार्टर में संशोधन करना आवश्यक होता है।
  • पहला चरण: महासभा को दो तिहाई बहुमत से या 193 सदस्य देशों में से कम से कम 128 द्वारा सुधार को मंजूरी देनी होगी। अनुच्छेद 27 के अनुसार, इस चरण में वीटो की अनुमति नहीं है।
  • दूसरा चरण: प्रथम चरण के अनुमोदन के बाद संयुक्त राष्ट्र चार्टर को एक अंतर्राष्ट्रीय संधि माना जाता है और उसमें संशोधन किया जाता है। 
    • संशोधित चार्टर को सभी P5 सदस्यों सहित कम से कम दो-तिहाई सदस्य देशों द्वारा उनकी राष्ट्रीय प्रक्रियाओं के अनुरूप अनुमोदित किया जाना आवश्यक होता है। 
    • इस चरण के दौरान अनुसमर्थन P5 सदस्यों की संसदों द्वारा प्रभावित हो सकता है, जिसका प्रभाव संशोधित चार्टर के प्रभावी होने पर पड़ सकता है।

79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में विदेश मंत्री के भाषण के मुख्य पहलू क्या हैं?

  • बहुपक्षवाद में सुधार: भारत ने 79वें UNGA के विषय "किसी को भी पीछे न छोड़ना" का समर्थन करने के साथ अंतर्राष्ट्रीय प्रणालियों में सुधार का आह्वान किया तथा वैश्विक शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के क्रम में न्यायसंगत योगदान और विश्वास बहाल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
  • भारत की पहल: भारत ने अपनी पहलों को साझा किया जैसे
    • लक्षित नीतियों के माध्यम से सुभेद्य समूहों (महिलाएँ, किसान, युवा) पर ध्यान केंद्रित करना।
    • रोज़गार और उद्यमिता के अवसरों का विस्तार करना
    • अनुकरणीय शासन मॉडल एवं डिजिटल बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना।
    • साझा चिंताओं पर प्रकाश डालने के लिये ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का आयोजन करना।
  • एकता का आह्वान: भारत ने सदस्य देशों से एकजुट होने, संसाधनों को साझा करने तथा विश्व में सकारात्मक परिवर्तन लाने के क्रम में अपने संकल्प को मज़बूत करने का आह्वान किया।
  • आतंकवाद की निंदा: भारत ने कट्टरपंथ एवं आतंकवाद से पाकिस्तान के संबंधों की निंदा करने के साथ इस बात पर बल दिया कि इस संबंध में मुख्य मुद्दा पाकिस्तान द्वारा भारतीय क्षेत्र पर कब्जा और आतंकवाद को दिया जाने वाला उसका दीर्घकालिक समर्थन है।
    • भारत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादियों पर राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर बल दिया तथा ऐसी कार्रवाइयों को रोकने में चीन की भूमिका की ओर संकेत किया।
  • आर्थिक व्यवहार और संप्रभुता: भारत ने अनुचित आर्थिक व्यवहार तथा बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं (विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे) की आलोचना करते हुए कहा कि संप्रभुता को कमज़ोर करने वाली कनेक्टिविटी के प्रति सावधानी बरती जानी चाहिये।
  • वैश्विक समाधान का आह्वान: भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे भाग्यवादी मानसिकता से परे रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा संघर्ष जैसे चल रहे संघर्षों का तत्काल समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करें।

और पढ़ें: भविष्य का संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं में सुधार

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य होते हैं और शेष 10 सदस्य महासभा द्वारा कितनी अवधि के लिये चुने जाते हैं? (2009)

(a) 1 वर्ष
(b) 2 वर्ष
(c) 3 वर्ष
(d) 5 वर्ष

उत्तर: (b)


प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन, जिसमें IBRD, GATT और IMF की स्थापना के लिये समझौते किये गए थे, को किस रूप में जाना जाता है? (2008)

(a) बांडुंग सम्मेलन
(b) ब्रेटन वुड्स सम्मेलन
(c) वर्साय सम्मेलन
(d) याल्टा सम्मेलन

उत्तर: (b)


प्रश्न. अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक एवं वित्तीय समिति (International Monetary and Financial Committee- IMFC) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. IMFC विश्व अर्थव्यवस्था से सरोकार रखने वाले विषयों पर चर्चा करता है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को उसके कार्य की दिशा पर सलाह देता है।
  2.  IMFC की बैठकों में विश्व बैंक प्रेक्षक की भाँति भाग लेता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)


प्रश्न. "स्वर्ण ट्रांश" (रिज़र्व ट्रांश) निर्दिष्ट करता है: (2020)

(a) विश्व बैंक की ऋण व्यवस्था
(b) केंद्रीय बैंक की किसी एक क्रिया को
(c) WTO द्वारा इसके सदस्यों को प्रदत्त एक साख प्रणाली को
(d) IMF द्वारा इसके सदस्यों को प्रदत्त एक साख प्रणाली को

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता लेने हेतु भारत के समक्ष आने वाली बाधाओं पर चर्चा कीजिये। (2015)

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