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ISRO का तीसरा लॉन्च पैड

  • 20 Jan 2025
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारत के पहले लॉन्चपोर्ट (दूसरा लॉन्चपोर्ट- कुलशेखरपट्टिनम) सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) में तीसरे लॉन्च पैड (TLP) की स्थापना की स्वीकृति  दे दी है।

  • तीसरे लॉन्च पैड में निम्न भू कक्षा में 30,000 टन भार वाले अंतरिक्ष यान का वहन करने की क्षमता होगी।
  • वर्तमान में, ISRO दो लॉन्च पैडों का उपयोग करता है, अर्थात् प्रथम लॉन्च पैड (FLP) और द्वितीय लॉन्च पैड (SLP)।
    • FLP को PSLV के लिये क्रियान्वित किया गया था तथा यह PSLV और SSLV दोनों के प्रक्षेपणों में सहायता प्रदान करता है।
    • SLP को मुख्य रूप से GSLV और LVM3 के लिये स्थापित किया गया किंतु इसको PSLV के लिये पूर्तिकर/अतिरिक्त विकल्प के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है।
      • इसकी सहायता से चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक प्रमोचन किया गया था और आगामी गगनयान मिशन की तैयारी की जा रही है।
  • भविष्य की कार्यनीति: भारत की कार्यनीति में वर्ष 2040 तक मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग और वर्ष 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) स्थापित करना शामिल है, जिसके लिये ऐसे भारी प्रक्षेपण यानों की आवश्यकता होगी, जिन्हें मौजूदा पैडों में समायोजित नहीं किया जा सकता।
  • वर्ष 2024 में , वाणिज्यिक, ऑन-डिमांड और लघु उपग्रह (SSLV) प्रक्षेपणों और श्रीलंका के ऊपर डॉगलेग पैंतरेबाज़ी से बचने के लिये कुलसेकरपट्टिनम, तमिलनाडु में ISRO के दूसरे रॉकेट लॉन्चपोर्ट की आधारशिला रखी गई।

Dogleg_Manoeuvre

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