अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस | 02 Jul 2024
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस (International Asteroid Day) 30 जून को वर्ष 1908 में हुई तुंगुस्का घटना (Tunguska Event) की स्मृति में मनाया जाता है और इसका उद्देश्य क्षुद्रग्रहों के प्रभाव के खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
तुंगुस्का घटना क्या है?
- परिचय:
- तुंगुस्का घटना साइबेरिया में एक क्षुद्रग्रह विस्फोट के कारण हुई थी, जिसके कारण 830 वर्ग मील क्षेत्र में 80 मिलियन वृक्ष नष्ट हो गए थे।
- दूरस्थ स्थान होने के कारण विस्फोट में न्यूनतम जनहानि हुई लेकिन इसकी लहर सैकड़ों मील दूर तक महसूस की गई।
- संयुक्त राष्ट्र मान्यता:
- ग्रहों की सुरक्षा में वैश्विक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2016 में अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस घोषित किया गया था।
- राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration- NASA) ने कहा कि नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (Near-Earth Objects- NEO) का पृथ्वी से टकराव एकमात्र प्राकृतिक आपदा है जिसे मानवीय तौर पर रोका जा सकता है।
- नियर अर्थ ऑब्जेक्ट की निगरानी से संबंधित पहल क्या हैं:
- एपोफिस मिशन:
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation - ISRO) ने क्षुद्रग्रह अपोफिस का अध्ययन करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिशन में भाग लेने में रुचि व्यक्त की।
- एपोफिस एक निकट-पृथ्वी वस्तु (NEO) है और ऐसा माना जाता है कि यह 2029 में पृथ्वी से टकरा सकता है, हालाँकि NASA ने हाल ही में ऐसी रिपोर्टों को खारिज़ कर दिया है।
- यह 14 अप्रैल 2029 को पृथ्वी के निकट से 38,012 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा
- यह घटना पूर्वी गोलार्ध में मौजूद पर्यवेक्षकों को बिना किसी दूरबीन या दूरदर्शी के दिखाई देगी।
- एपोफिस को पहली बार 2004 में खोजा गया था। इसका आकार 335 मीटर है।
- यह 29.98 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चलेगा।
नोट:
- इस ग्रह पर अतीत में हुए उन प्रभावों के साक्ष्य मौजूद हैं जिनके परिणाम भयावह रहे।
- मेक्सिको में 65 मिलियन वर्ष पहले एक क्षुद्रग्रह के प्रभाव से निर्मित चिक्सुलब क्रेटर, डायनासोर और पृथ्वी की 75% प्रजातियों के विलुप्त होने से जुड़ा हुआ है।
- वर्ष 2013 में एरिजोना में उल्का क्रेटर और रूस में चेल्याबिंस्क घटना।
क्षुद्रग्रह क्या है?
- परिचय:
- क्षुद्रग्रह, जिन्हें लघु ग्रह भी कहा जाता है, लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले हमारे सौरमंडल के निर्माण के प्रारंभिक चरण के अवशेष हैं।
- वे मुख्यतः अनियमित आकार प्रदर्शित करते हैं, हालाँकि कुछ लगभग गोलाकार आकार भी प्रदर्शित करते हैं।
- कई क्षुद्रग्रहों के साथ छोटे चंद्रमा भी होते हैं, कुछ के तो दो चंद्रमा भी होते हैं।
- इसके अतिरिक्त, द्वि-क्षुद्रग्रहों में एक दूसरे की परिक्रमा करने वाले दो समान आकार के चट्टानी पिंड शामिल होते हैं तथा त्रि-क्षुद्रग्रह प्रणालियाँ भी होती हैं।
- क्षुद्रग्रहों का वर्गीकरण:
- मुख्य क्षुद्रग्रह पेटी: अधिकांश क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित क्षुद्रग्रह पेटी में पाए जाते हैं।
- ट्रोजंस (Trojans): ये क्षुद्रग्रह एक बड़े ग्रह के साथ कक्षा साझा करते हैं, लेकिन इसके साथ टकराते नहीं हैं क्योंकि वे कक्षा में लगभग दो विशेष स्थानों (L4 और L5 लैग्रैन्जियन पॉइंट्स) के आस-पास एकत्रित होते हैं, जहाँ सूर्य और ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होते हैं।
- यह विन्यास बड़े ग्रह के साथ टकराव को रोकता है।
- नियर अर्थ ऑब्जेक्ट: इन ऑब्जेक्ट्स की कक्षाएँ पृथ्वी के करीब होती हैं। क्षुद्रग्रह जो वास्तव में पृथ्वी के कक्षीय पथ को पार करते हैं, उन्हें ‘अर्थ-क्रॉसर्स’ (Earth-crossers) के रूप में जाना जाता है।
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. क्षुदग्रहों तथा धूमकेतु के बीच क्या अंतर होता है? (2011) 1- क्षुदग्रह लघु चट्टानी ग्रहिकाएँ (प्लेनेटॉयड) हैं, जबकि धूमकेतु हिमशीतित गैसों से निर्मित होते हैं जिन्हें चट्टानी और धातु पदार्थ आपस में बाँधे रखता है। उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |