रैपिड फायर
जलवायु परिवर्तन पर भारत का पहला स्टेशन
- 10 Apr 2025
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स्रोत: पी.आई.बी
भारत ने जम्मू-कश्मीर के नत्थाटॉप में हिमालयी उच्च तुंगता वायुमंडलीय और जलवायु अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया है, जो वैश्विक जलवायु विज्ञान की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
हिमालयी उच्च तुंगता वायुमंडलीय और जलवायु अनुसंधान केंद्र
- रणनीतिक अवस्थिति: यह केंद्र नत्थाटॉप में समुद्र तल से 2,250 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जिसका निर्धारण इसकी स्वच्छ वायु और न्यूनतम प्रदूषण के कारण किया किया गया है।
- जो इस केंद्र को उच्च सटीकता वाले वायुमंडलीय और जलवायु माप के लिये आदर्श बनाता है।
- अनुसंधान क्षेत्र: यह केंद्र मेघ निर्माण, एरोसोल अंतर्क्रिया और मौसम पैटर्न पर अत्याधुनिक अध्ययन की सुविधा प्रदान करेगा।
- आइस-क्रंच: इस उद्घाटन के साथ भारत-स्विस संयुक्त अनुसंधान परियोजना, आइस-क्रंच (उत्तर-पश्चिमी हिमालय में हिम के न्यूक्लिएन कण और मेघ संघनन नाभिक गुण) का शुभारंभ हुआ।
- यह अध्ययन आइस-न्यूक्लियेटिंग कणों (INP) और मेघ संघनन नाभिक (ठोस/तरल रूप में सूक्ष्म निलंबित कण,) का अवबोधन करने पर केंद्रित है, जो इस क्षेत्र में जलवायु मॉडलिंग और वर्षा प्रतिरूप की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं।
- महत्त्व: इससे जलवायु विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नेतृत्व सुदृढ़ होगा और इससे वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयासों में सहायता मिलेगी, जिसमें देश की नेट-ज़ीरो उत्सर्जन (वर्ष 2070 तक) के प्रति प्रतिबद्धता भी शामिल है।
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