वैश्विक DPI को आगे बढ़ाने में भारत की भूमिका | 16 Jul 2024
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
डिजिटल क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव को विश्व स्तर पर स्वीकार किया गया है, विशेष रूप से डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure- DPI) में इसकी प्रगति के माध्यम से।
- DPI पर भारत के G20 टास्क फोर्स की हालिया रिपोर्ट में इस क्षेत्र में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला गया है और देश से वैश्विक दक्षिण में अपने डिजिटल समाधानों को सक्रिय रूप से विस्तारित करने का आग्रह किया गया है।
नोट: टास्क फोर्स की स्थापना जनवरी 2023 में DPI और वित्तीय समावेशन पर भारत के G20 प्रेसीडेंसी एजेंडे की देखरेख के लिये की गई थी।
- इसका उद्देश्य डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाकर उत्पादकता को बढ़ावा देना और सरकार की डिजिटल अर्थव्यवस्था नीतियों का समर्थन करना है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु क्या हैं?
- वैश्विक निकाय की पहचान: रिपोर्ट में विभिन्न क्षेत्रों में DPI पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करने के लिये एक वैश्विक-मानक संगठन की स्थापना की सिफारिश की गई है।
- इस इकाई की बहुराष्ट्रीय उपस्थिति होनी चाहिये और नीतियों को तैयार करने तथा रणनीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये आवश्यक विशेषज्ञता होनी चाहिये। इसका लक्ष्य राष्ट्रों के बीच, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण में सहयोग को सुविधाजनक बनाना होगा।
- DPI के साथ AI का एकीकरण: नैतिक उपयोग और डेटा गोपनीयता सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए DPI क्षमताओं को बढ़ाने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता के एकीकरण का पता लगाना।
- रिपोर्ट में DPI में नवाचार और मापनीयता को बढ़ावा देने के लिये ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर तथा एआई मॉडल का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है, जिससे इसे निजी अभिकर्त्ताओं हेतु अधिक सुलभ बनाया जा सके।
- AI-सक्षम सेवाओं में विश्वास बनाने के लिये उपयोगकर्त्ता डेटा की सुरक्षा के उपायों को लागू करना महत्त्वपूर्ण है।
- AI एल्गोरिदम में पूर्वाग्रहों को संबोधित करने से सभी उपयोगकर्त्ताओं के लिये निष्पक्ष व्यवहार सुनिश्चित होता है, AI प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने से डिजिटल सेवाओं में जनता का विश्वास हासिल करने में मदद मिलती है।
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) क्या है?
- परिभाषा: DPI को साझा डिजिटल प्रणालियों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया गया है, जो सुरक्षित और अंतर-संचालनीय होना चाहिये तथा सामाजिक स्तर पर सार्वजनिक और/या निजी सेवाओं तक समान पहुँच प्रदान करने के लिये खुले मानकों एवं विनिर्देशों पर बनाया जा सकता है।
- DPI को लागू कानूनी ढाँचे और सक्षम नियमों द्वारा नियंत्रित किया जाता है ताकि मानव अधिकारों तथा मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए विकास, समावेशन, नवाचार, विश्वास एवं प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा दिया जा सके।
- DPI के घटक:
- प्रौद्योगिकी: इसमें डिजिटल प्रणालियाँ और अनुप्रयोग (जैसे- सॉफ्टवेयर कोड, बिल्डिंग ब्लॉक्स, प्रोटोकॉल, मानक) शामिल हैं जो अंतर-संचालनीय हैं।
- शासन व्यवस्था: शासन व्यवस्था DPI में लोगों का विश्वास स्थापित कर बड़े पैमाने पर उपयोगकर्त्ताओं द्वारा इसे अपनाने में सहायता करता है। शासन ढाँचे में निम्नलिखित तत्त्व शामिल हैं:
- हितधारक की गतिविधि को नियंत्रित करने वाले सहभागिता के नियम।
- क्रॉस-कटिंग और डोमेन-विशिष्ट मानदंड, विधि तथा नीतियाँ।
- डिजिटल प्रौद्योगिकियों में अंतर्निहित शासन।
- इसके डिज़ाइन, परिनियोजन और कार्यान्वयन पर निगरानी बनाए रखने के लिये उत्तरदायी संस्थान।
- समुदाय: समुदाय की सक्रिय और समावेशी भागीदारी मूल्य सृजन को सक्षम कर सकती है। इसमें निजी क्षेत्र और नागरिक समाज के अभिकर्त्ता भी शामिल हैं जो नवाचार को बढ़ावा देने तथा मूल्य सृजन के लिये सहयोग कर सकते हैं।
- आधारभूत DPI:
- पहचान: इसमें लोगों और व्यवसायों के लिये अपनी पहचान को सुरक्षित रूप से सत्यापित करने की क्षमता, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर तथा सत्यापन योग्य क्रेडेंशियल जैसी विश्वास की पूरक सेवाएँ हैं।
- भुगतान: इसकी सहायता से लोगों, व्यवसायों और सरकारों के बीच धन का सुगम तथा त्वरित अंतरण संभव है।
- डेटा साझाकरण: यह शासन ढाँचे के अनुसार वैयक्तिक डेटा सुरक्षा के लिये सुरक्षा उपायों की सहायता से सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सहमति के साथ डेटा को निर्बाध रूप से साझा करने की सविधा प्रदान करता है।
- DPI संबंधी भारतीय उदाहरण और उनकी उपलब्धियाँ:
भारत वर्तमान में वैश्विक DPI में किस प्रकार योगदान कर रहा है?
- UPI का वैश्वीकरण: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को वैश्वीकृत करने के लिये विदेशों में भारतीय मिशनों के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है जिसके तहत अभी तक 80 से अधिक देशों के साथ वार्ता और 30 से अधिक देशों में भागीदारी की गई है।
- NPCI की भूमिका: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) UPI के अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति के लिये ज़ोर दे रहा है जो वैश्विक स्तर पर डिजिटल वित्त के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
और पढ़ें: डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत में ‘पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर’ पदबंध किसके प्रसंग में प्रयुक्त किया जाता है? (2020) (a) डिजिटल सुरक्षा अवसंरचना व्याख्या: (a)
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है। |