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ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म

  • 04 Jan 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम (सर्ट-इन), ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर, गिटहब, गॉवटेक 3.0।

मेन्स के लिये:

ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर पर सरकार की नीति, ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर्स के फायदे और नुकसान।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में गिटहब, एक ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर रिपॉजिटरी सेवा का उपयोग भारत में एक महिला का यौन उत्पीड़न करने हेतु आपत्तिजनक नाम वाले एप को बनाने और साझा करने के लिये किया गया था।

  • एप ने उनके सोशल मीडिया हैंडल से चुराई गई महिलाओं की तस्वीरों का इस्तेमाल किया और "उपयोगकर्त्ताओं" को उनके लिये बोली लगाने के लिये आमंत्रित किया।
  • गिटहब ने उपयोगकर्त्ता को अवरुद्ध कर दिया है और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को "एक उच्च स्तरीय समिति" बनाने के लिये कहा गया है।

गिटहब: 

  • गिटहब दुनिया का सबसे बड़ा ओपन-सोर्स डेवलपर कम्युनिटी प्लेटफॉर्म है जहाँ उपयोगकर्त्ता अपनी परियोजनाओं और कोड को दूसरों को देखने और संपादित करने के लिये अपलोड करते हैं।
  • प्लेटफॉर्म सॉफ्टवेयर गिट का उपयोग करता है, जिसे वर्ष 2005 में ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम लिनक्स के डेवलपर लिनुस ट्रोवाल्ड्स द्वारा बनाया गया था, ताकि फाइलों के एक सेट में परिवर्तन और सॉफ़्टवेयर में समन्वय के लिये ट्रैक किया जा सके।

प्रमुख बिंदु

  • ओपन-सोर्स का अर्थ: ओपन सोर्स शब्द का अर्थ कुछ ऐसा है जिसे लोग संशोधित और साझा कर सकते हैं क्योंकि इसका डिज़ाइन सार्वजनिक रूप से सुलभ है।
    • अंतर्निहित सिद्धांत: ओपन सोर्स प्रोजेक्ट, उत्पाद या पहल के सिद्धांतों को स्वीकार और उनका पालन करते हैं- 
      • खुला विनिमय,
      • सहयोगात्मक भागीदारी,
      • तीव्र प्रोटोटाइपिंग,
      • पारदर्शिता,
      • मेरिटोक्रेसी
      • समुदायोन्मुखी विकास।
  • ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर: ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (ओएसएस) वह सॉफ्टवेयर है अपने सोर्स कोड के साथ वितरित किया जाता है, जो इसे अपने मूल अधिकारों के साथ उपयोग, संशोधन और वितरण के लिये उपलब्ध कराता है।
    • सोर्स कोड सॉफ्टवेयर का वह हिस्सा है जिसे अधिकांश कंप्यूटर उपयोगकर्त्ता कभी नहीं देखते हैं।
    • इस कोड का प्रयोग कंप्यूटर प्रोग्रामर प्रोग्राम या एप्लीकेशन के व्यवहार को नियंत्रित करने हेतु हेरफेर के लिये किया है।
    • ओएसएस में आमतौर पर एक लाइसेंस शामिल होता है जो प्रोग्रामर को उसकी आवश्यकताओं के अनुसार सबसे सुलभ तरीके से सॉफ्टवेयर को संशोधित करने की अनुमति देता है और यह नियंत्रित करता है कि सॉफ्टवेयर कैसे वितरित किया जा सकता है।
    • सोर्स कोड को स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराने का विचार वर्ष 1983 में MIT के एक प्रोग्रामर रिचर्ड स्टॉलमैन द्वारा अनौपचारिक रूप से स्थापित एक वैचारिक आंदोलन से उत्पन्न हुआ था।
    • लिनक्स, मोज़िला फायरफॉक्स, वीएलसी मीडिया प्लेयर, सुगर CRM आदि प्रमुख उदाहरण हैं।
  • क्लोज्ड सोर्स या प्रोपराइटरी सॉफ्टवेयर: क्लोज़्ड सोर्स सॉफ्टवेयर वह सॉफ्टवेयर होता है जो सोर्स कोड को सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड रखता है।
    • अर्थात् उपयोगकर्त्ता किसी प्रकार के परिणाम के बिना कोड के कुछ हिस्सों को कॉपी, संशोधित या हटा नहीं सकता है।

नोट: 

  • जबकि एप्पल के आईफोन्स (iOS) का ऑपरेटिंग सिस्टम क्लोज्ड सोर्स (Closed Source) है, जिसका अर्थ है कि इसे कानूनी रूप से संशोधित या रिवर्स इंजीनियर नहीं किया जा सकता है, गूगल  का एंड्राॅइड ऑपरेटिंग सिस्टम ओपन-सोर्स (Open-Source)  है और इसलिये यह संभव है कि सैमसंग, Xiaomi, वनप्लस आदि जैसे स्मार्टफोन निर्माताओं द्वारा इन्हें संशोधित किया जा सके।
  • OSS पर सरकार की नीति
    • भारत सरकार ने 2015 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को अपनाने पर एक नीति जारी की थी।
    • शिक्षा के लिये मुफ्त और मुक्त स्रोत सॉफ़्टवेयर (FOSSEE) परियोजना :  यह शैक्षिक संस्थानों में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के उपयोग को बढ़ावा देने वाली एक परियोजना है।
      • यह शिक्षण संस्थानों में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के उपयोग को बढ़ावा देने वाली परियोजना है। यह निर्देशात्मक सामग्री (स्पोकन ट्यूटोरियल), डॉक्यूमेंटेशन, (टेक्स्ट बुक सामग्री), जागरूकता कार्यक्रम (कॉन्फ्रेंस, ट्रेनिंग वर्कशॉप और इंटर्नशिप) के माध्यम से कराया जाता है।
    • सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप के एंड्रॉयड वर्ज़न को भी ओपन सोर्स के माध्यम से बनाया है।
    • OSS को बढ़ावा देना GovTech 3.0 का एक हिस्सा है।
      • Gov Tech 3.0 मुक्त डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र (ODEs) पर केंद्रित है। यह सरकार को ‘डिजिटल कॉमन्स’ बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिये प्रोत्साहित करता है। 

आगे की राह 

  • सरकार को अपराधियों के खिलाफ तत्काल, अनुकरणीय कार्रवाई करनी चाहिये। इस तरह के आपराधिक व्यवहार पर बिना लागत के बस एप को बंद करने से दंड से मुक्ति को बढ़ावा मिलेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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