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शासन व्यवस्था

डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न प्रयास

  • 05 Jul 2019
  • 12 min read

चर्चा में क्यों?

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा पर राष्ट्रीय मिशन (National Mission on Education through Information and Communication Technology- NMEICT) कार्यक्रम का संचालन कर रहा है।

प्रमुख बिंदु

इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में सभी शिक्षार्थियों को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न पहलें निम्नानुसार हैं:

स्वयं: SWAYAM

  • स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (SWAYAM) एक एकीकृत मंच है जो स्कूल (9वीं- 12वीं) से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
  • अब तक SWAYAM पर 2769 बड़े पैमाने के ऑनलाइन कोर्सेज (Massive Open Online Courses- MOOC) बड़े पैमाने पर ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम) की पेशकश की गई है, जिसमें लगभग 1.02 करोड़ छात्रों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया है।
  • ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का उपयोग न केवल छात्रों द्वारा बल्कि शिक्षकों और गैर-छात्र शिक्षार्थियों द्वारा भी जीवन में कभी भी सीखने के रूप में किया जा रहा है।
  • इसे swayam.gov.in पर देखा जा सकता है।
  • NCERT कक्षा IX-XII तक के लिये 12 विषयों में स्कूल शिक्षा प्रणाली हेतु बड़े पैमाने पर ऑनलाइन पाठ्यक्रमों (Massive Open Online Courses- MOOCs) का मॉड्यूल विकसित कर रहा है।
  • ये 12 विषय अकाउंटेंसी, व्यावसायिक अध्ययन, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, आर्थिकी, इतिहास, भूगोल, गणित, भौतिकी, राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान और समाजशास्त्र हैं
  • पहली बार में बारह पाठ्यक्रम शुरू किये गए थे इसमें विभिन्न पाठ्यक्रमों में लगभग 22,000 छात्र पंजीकृत थे। दूसरी बार बीस पाठ्यक्रम शुरू किये गए जिसमें लगभग 33,000 छात्र पंजीकृत थे।

स्वयं प्रभा: SWAYAM Prabha

  • यह 24X7 आधार पर देश में सभी जगह डायरेक्ट टू होम (Direct to Home- DTH) के माध्यम से 32 उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक चैनल प्रदान करने की एक पहल है।
  • इसमें पाठ्यक्रम आधारित पाठ्य सामग्री होती है जो विविध विषयों को कवर करती है।
  • इसका प्राथमिक उद्देश्य गुणवत्ता वाले शिक्षण संसाधनों को दूरदराज़ के ऐसे क्षेत्रों तक पहुँचाना है जहाँ इंटरनेट की उपलब्धता अभी भी एक चुनौती बनी हुई है।

राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी : National Digital Library (NDL)

  • भारत की राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (National Digital Library of India-NDL) एक एकल-खिड़की खोज सुविधा (Single-Window Search Facility) के तहत सीखने के संसाधनों के आभासी भंडार का एक ढाँचा विकसित करने की परियोजना है।
  • इसके माध्यम से यहाँ 3 करोड़ से अधिक डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं।
  • सामग्री में शिक्षा के लगभग सभी प्रमुख डोमेन और जीवनभर सीखने वाले शिक्षार्थियों के सभी प्रमुख स्तर शामिल हैं।
  • लगभग 20 लाख सक्रिय उपयोगकर्त्ताओं के साथ 50 लाख से अधिक छात्रों ने इसमें अपना पंजीकरण कराया है।
  • NDL एक मोबाइल एप के माध्यम से भी उपलब्ध है। इसे ndl.gov.in पर देखा जा सकता है।

स्पोकन ट्यूटोरियल: Spoken Tutorial

  • छात्रों की रोजगार क्षमता को बेहतर बनाने के लिये ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर 10 मिनट के ऑडियो-वीडियो ट्यूटोरियल उपलब्ध हैं।
  • यह सभी 22 भाषाओं की उपलब्धता के साथ ऑनलाइन संस्करण है जो स्वयं सीखने के लिये बनाया गया है।
  • भाषाओं में C, C, Java, PHP, Python, PerL, Scilab, OpenFOAM, OpenModelica, DWSIM, LibreO आदि हैं।
  • स्पोकन ट्यूटोरियल के माध्यम से बिना शिक्षक की उपस्थिति के पाठ्यक्रम को प्रभावी रूप से नए उपयोगकर्त्ता को प्रशिक्षित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

शिक्षा के लिये मुफ्त और मुक्त स्रोत सॉफ़्टवेयर

Free and Open Source Software for Education- FOSSEE

  • FOSSEE शिक्षण संस्थानों में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के उपयोग को बढ़ावा देने वाली एक परियोजना है।
  • यह शिक्षण सामग्री, जैसे कि स्पोकन ट्यूटोरियल्स, डॉक्यूमेंटेशन, जागरूकता कार्यक्रम, यथा कॉन्फ्रेंस, ट्रेनिंग वर्कशॉप एवं इंटर्नशिप के माध्यम से किया जाता है।
  • इस परियोजना में लगभग 2,000 कॉलेज के छात्रों और शिक्षकों ने इस गतिविधि में भाग लिया है।

Virtual Lab: वर्चुअल लैब

  • इस प्रोजेक्ट का उपयोग प्राप्त ज्ञान की समझ का आकलन करने, आँकड़े एकत्र करने और सवालों के उत्तर देने के लिये पूरी तरह से इंटरैक्टिव सिमुलेशन एन्वायरनमेंट (Interactive Simulation Environment) विकसित करना है।
  • महत्त्वाकांक्षी परियोजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने, वास्तविक दुनिया के वातावरण और समस्याओं से निपटने की क्षमता विकसित करने के लिये अत्याधुनिक कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक के साथ आभासी प्रयोगशालाओं को विकसित करना आवश्यक है।
  • इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1800 से अधिक प्रयोगों के साथ लगभग 225 ऐसी प्रयोगशालाएँ संचालित हैं और 15 लाख से अधिक छात्रों को लाभ प्रदान कर रही हैं।

ई-यंत्र: e-Yantra

  • यह भारत में इंजीनियरिंग कॉलेजों में एम्बेडेड सिस्टम (Embedded Systems) और रोबोटिक्स (Robotics) पर प्रभावी शिक्षा को सक्षम करने की एक परियोजना है।
  • शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षण कार्यशालाओं के माध्यम से एम्बेडेड सिस्टम और प्रोग्रामिंग की मूल बातें सिखाई जाती हैं।
  • इस पहल से पूरे भारत के 275 से अधिक कॉलेज लाभान्वित हुए हैं।
    • मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूल शिक्षा विभाग (Department of School Education) के अंतर्गत शिक्षार्थियों की ऑनलाइन संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये निम्नलिखित योजनाएँ चलाई गई हैं।
  • NCERT द्वारा ई- रिसोर्सेज़ (eResources जैसे ऑडियो, वीडिओ इंटरएक्टिव आदि) के रूप में विकसित अध्ययन सामग्री को वेब पोर्टल्स के माध्यम से हितधारकों के साथ साझा किया गया है। उदाहरण के लिये स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (SWAYAM), ई- पाठशाला (ePathshala), नेशनल रिपोजिटरी ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज़ (NROER) और मोबाइल एप्लीकेशंस।
  • एक वेब पोर्टल (http://epathshala.nic.in/, http://epathshala.gov.in/) और मोबाइल एप (Android, iOS और Windows) डिज़ाइन किये गए हैं। जिनका संचालन भी किया जा रहा है।
  • पोर्टल में 1886 ऑडियो, 1999 वीडियो, 698 ई-पुस्तकें (ई-पब) और 504 फ्लिप पुस्तकें हैं।

त्वरित प्रतिक्रिया: Quick Response (QR)

  • छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और शिक्षकों को डिजिटल संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिये QR कोड बनाए गए हैं।
  • QR कोड को किताबों के प्रत्येक अध्याय के साथ एनसीईआरटी की विधिवत मैपिंग eResources की मुद्रित पाठ्य पुस्तकों के साथ एकीकृत किया गया है।

नेशनल रिपोजिटरी ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज़ (NROER)

(http://nroer.gov.in/welcome) को NCERT द्वारा डिज़ाइन किया गया है।.

  • अब तक कुल 14145 फाइलें जिनमें 401 संग्रह, 2779 दस्तावेज़, 976 इंटरैक्टिव, 1664 ऑडियो, 2586 चित्र और 6140 वीडियो अपलोड किये गए हैं।
  • शिक्षा में ICT (Information and Communications Technology) ICT के क्षेत्र में कई पहलें की गई हैं, जैसे छात्रों और शिक्षकों के लिये ICT पाठ्यक्रम का विकास और प्रसार, नौवीं कक्षा के लिये ICT पाठ्यपुस्तक, साइबर सुरक्षा और सुरक्षा दिशा-निर्देश, स्वयम् प्रभा डीटीएच टीवी चैनल, किशोर मंच, ऑल इंडिया ऑडियो-वीडियो उत्सव और ICT मेला, स्कूल के शिक्षकों को राष्ट्रीय ICT पुरस्कार आदि।

शिक्षा पाठ्यक्रम में सूचना व संचार तकनीक (Information and Communications Technology) छात्रों, शिक्षकों और शिक्षक शिक्षकों के लिये राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया गया है और देश भर में लागू किया जा रहा है।

  • CBSE द्वारा डिजिटल शिक्षण पहल: सारांश ( SARANSH) CBSE संबद्ध स्कूलों और अभिभावकों के लिये स्वयं समीक्षा और विश्लेषण करने का एक उपकरण है।
  • यह उन्हें उपचारात्मक उपाय करने के लिये छात्रों के प्रदर्शन का विश्लेषण करने में सक्षम बनाता है।
  • SARANSH स्कूलों, शिक्षकों और माता-पिता को एक-दूसरे के करीब लाता है, ताकि वे छात्रों की प्रगति की निगरानी कर सकें और उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकें।
  • यह वर्तमान में मानक कक्षा IX - XII तक के लिये उपलब्ध है।

क्लासरूम सेंट्रिक डिजिटल हस्तक्षेप:

A scheme Operation Digital Board (ODB)

  • सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की नौवीं से बारहवीं कक्षा में स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना के लियेएक योजना ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड (Operation Digital Board) पर विचार चल रहा है।

स्रोत- PIB

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