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भारत का पहला बायोमैनुफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट

  • 04 Nov 2024
  • 3 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में मोहाली में भारत के पहले बायोमैनुफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट, "BRIC-नेशनल एग्री-फूड बॉयोमैनुफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट" (BRIC-NABI) का उद्घाटन किया गया। 

  • BRIC-NABI का परिचय: कृषि-तकनीक नवाचारों में सुधार करने के उद्देश्य से जैव प्रौद्योगिकी और जैव प्रसंस्करण की दक्षता का संयोजन करते हुए इस संस्थान का गठन राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NABI) तथा नवोन्मेषी एवं अनुप्रयुक्त जैव प्रसंस्करण केंद्र (CIAB) का संविलय करके किया गया है।
    • इसका उद्देश्य उन्नत जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत के कृषि-खाद्य क्षेत्र को बढ़ावा देना, सतत् पद्धतियों का समर्थन करने के लिये उच्च उपज वाली फसलों, रोग प्रतिरोधी फसलों, जैव उर्वरकों एवं जैवपीड़कनाशी के लिये कृषि अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाना है।
  • बायोनेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर का शुभारंभ: यह केंद्र कृषि-खाद्य स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करेगा एवं अनुसंधान व उद्योग का सेतुबंधन करते हुए स्थानीय युवाओं, महिलाओं व किसानों का सशक्तीकरण करेगा।
  • BioE3 नीति: इस नीति के अंतर्गत BioE3 नीति के पर्यावरण अनुकूल लक्ष्यों के अनुरूप कृषि, खाद्य, औषध और ऊर्जा क्षेत्रों में बायोमैनुफैक्चरिंग अनुप्रयोगों का अन्वेषण किया जाएगा।
    • उच्च प्रभाव वाली विज्ञान रणनीति के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए BioE3 नीति आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन और पर्यावरण संरक्षण में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डालती है।
  • विज्ञान-संचालित अर्थव्यवस्था: BRIC-NABI की स्थापना बायोमैनुफैक्चरिंग पर केंद्रित विज्ञान-संचालित अर्थव्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम है। 
    • यह भारत को सतत् विकास और ज्ञान आधारित उद्योगों में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करने में सहायक है।

और पढ़ें: भारतीय कृषि में प्रौद्योगिकी

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