रैपिड फायर
GNSS-आधारित टोल संग्रह
- 21 Mar 2025
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारत सरकार ने सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए टोल संग्रह हेतु ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) की शुरुआत को अभी स्थगित कर दिया है।
- सरकार GNSS के स्थान पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरों और FASTag (फास्टैग) का उपयोग करके बैरियर-लेस फ्री फ्लो टोलिंग को आगे बढ़ाएगी।
- GNSS: वाहनों द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर टोल निर्धारित करने के लिये उपग्रहों और ऑनबोर्ड इकाइयों (OBUs) का उपयोग करके टोल की गणना करता है।
- हालाँकि, यह प्रणाली गैर-भारतीय उपग्रहों पर निर्भरता के कारण परिचालन नियंत्रण, डेटा गोपनीयता और संभावित उल्लंघनों के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करती है।
- ANPR FASTag प्रणाली (AFS): यह वाहन नंबर प्लेटों को स्वचालित रूप से पहचानने के लिये कैमरों का उपयोग कर टोल कटौती के लिये उन्हें संबंधित फास्टैग अकाउंट से जोड़ती है।
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा जारी किया गया फास्टैग एक ऐसा उपकरण है जिसमे रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिसके द्वारा चलते हुए वाहन से सीधे टोल भुगतान किया जा सकता है।
- वाहन के विंडस्क्रीन पर लगा फास्टैग (RFID Tag) लिंक किये गए बैंक खाते से स्वचालित टोल भुगतान को सक्षम बनाता है।
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