ब्लॉकचेन तकनीक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भुगतान नेटवर्क भारतीय राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली (National Payment Corporation of India- NPCI) ने डिजिटल भुगतान को मज़बूत करने के लिये ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने की योजना बनाई है।
क्या है ब्लॉकचेन तकनीक?
- ज्ञातव्य है कि जिस प्रकार हज़ारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर इंटरनेट का अविष्कार हुआ, ठीक उसी प्रकार डेटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़कर उसे ब्लॉकचेन नाम दिया गया है।
- ब्लॉकचेन तकनीक में तीन अलग-अलग तकनीकों का समायोजन है, जिसमें इंटरनेट, पर्सनल 'की' (निजी कुंजी) की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है।
- ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिससे बिटकॉइन तथा अन्य क्रिप्टो-करेंसियों का संचालन होता है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो यह एक डिजिटल ‘सार्वजनिक बही-खाता’ (Public Ledger) है, जिसमें प्रत्येक लेन-देन का रिकॉर्ड दर्ज़ किया जाता है।
- ब्लॉकचेन में एक बार किसी भी लेन-देन को दर्ज करने पर इसे न तो वहाँ से हटाया जा सकता है और न ही इसमें संशोधन किया जा सकता है।
- ब्लॉकचेन के कारण लेन-देन के लिये एक विश्वसनीय तीसरी पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- इसके अंतर्गत नेटवर्क से जुड़े उपकरणों (मुख्यतः कंप्यूटर की श्रृंखलाओं, जिन्हें नोड्स कहा जाता है) के द्वारा सत्यापित होने के बाद प्रत्येक लेन-देन के विवरण को बही-खाते में रिकॉर्ड किया जाता है।
NPCI
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली (National Payment Corporation of India- NPCI) देश में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन के लिये एक अम्ब्रेला संगठन है।
- इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (The Payment and Settlement Systems Act, 2007) के प्रावधानों के तहत एक मज़बूत भुगतान और निपटान अधोसंरचना बनाने के लिये स्थापित किया गया है।
- इसे कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के प्रावधानों के तहत "नॉट फॉर प्रॉफिट" कंपनी के रूप में शामिल किया गया है।
- इसके दस प्रमुख प्रवर्तक बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, आई.सी.आई.सी.आई बैंक, एच.डी.एफ.सी बैंक, सिटी बैंक और एच.एस.बी.सी हैं।
स्रोत: TOI