हंसा मेहता को सम्मान | 27 Jun 2024
स्रोत: द इकॉनोमिक टाइम
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष द्वारा कूटनीति में महिलाओं के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस (24 जून) पर हंसा मेहता को सम्मानित किया।
- यह दिन कूटनीति के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान एवं उपलब्धियों को सम्मान तथा मान्यता प्रदान करता है।
हंसा मेहता:
- वह भारत की एक प्रमुख भारतीय विद्वान, शिक्षिका, समाज सुधारक, लेखिका एवं राजनयिक थीं।
- उनका जन्म 3 जुलाई 1897 को हुआ था और साथ ही वह महिला अधिकारों की समर्थक भी थीं।
- मेहता द्वारा लैंगिक समावेशी भाषा को शामिल करने के लिये मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) को संशोधित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि “सभी मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुए हैं जिनकी गरिमा एवं अधिकार समान हैं।
- वर्ष 1946 में अखिल भारतीय महिला सम्मेलन (AIWC) की अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने "भारतीय महिला अधिकार चार्टर" के प्रारूपण का नेतृत्व किया, जिसमें भारत में महिलाओं के लिये लैंगिक समानता, नागरिक अधिकार एवं न्याय की मांग की गई थी।
- वह भारत की संविधान सभा तथा सलाहकार समिति एवं मौलिक अधिकारों पर उप-समिति की सदस्य थीं।
- वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में एलेनोर रूजवेल्ट के अतिरिक्त एकमात्र अन्य महिला प्रतिनिधि थीं।
और पढ़ें: महिलाओं का सशक्तीकरण, भारत की उन्नति