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GSLV-F14/INSAT-3DS मिशन

  • 17 Feb 2024
  • 5 min read

स्रोत: द हिंदू

भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा 17 फरवरी, 2024 को GSLV-F14/INSAT-3DS मिशन का प्रमोचन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान और आपदा चेतावनी क्षमताओं में वृद्धि करना है।

GSLV-F14/INSAT-3DS मिशन की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • INSAT-3DS का प्रमोचन भू-तुल्‍यकाली उपग्रह प्रमोचक राॅकेट (Geosynchronous Satellite Launch  Vehicle) F14 (GSLV F14) से किया जाएगा।
    • GSLV-F14 तीन चरणीय प्रमोचक राॅकेट है।
      • पहले चरण (GS1) में एक ठोस प्रणोदक मोटर और चार भू-भंडारण प्रणोदक चरण शामिल (Earth-Storable Propellant Stages- EPS) हैं।
        • EPS में एक सहायक संरचना, प्रणोदक टैंक और एक इंजन शामिल है।
      • दूसरा चरण (GS2) भी एक भू-भंडारण प्रणोदक चरण है
      • तीसरा चरण (GS3) एक क्रायोजेनिक चरण है, जिसमें तरल ऑक्सीजन (LOX) और तरल हाइड्रोजन (LH2) की प्रणोदक लोडिंग है।
      • GSLV-F14, GSLV का 16वाँ मिशन और स्वदेशी क्रायो चरण के साथ 10वाँ मिशन है।
  • INSAT-3DS में चार पेलोड/नीतभार शामिल हैं जिनमें एक प्रतिबिंबित्र (Imager), एक ध्वनित्र (Sounder), एक डेटा प्रसारण प्रेषानुकर (Data Relay Transponder) और एक उपग्रह साधित खोज एवं बचाव प्रेषानुकर (Satellite-Aided Search and Rescue Transponder) शामिल हैं।
    • इमेजर पेलोड:
      • INSAT-3DS में एक मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजर है जो छह तरंग दैर्ध्य बैंड में पृथ्वी का प्रतिबिंब उत्पन्न करने में सक्षम है।
    • साउंडर पेलोड:
      • इसमें 19-चैनल साउंडर पेलोड है जो तापमान और आर्द्रता जैसे वायुमंडल के विभिन्न मौसम संबंधी मापदंडों की ऊर्ध्वाधर प्रोफाइल प्रदान करता है।
    • डेटा प्रसारण प्रेषानुकर (DRT):
      • DRT के माध्यम से INSAT-3DS स्वचालित मौसम स्टेशनों और डेटा संग्रह प्लेटफार्मों से वैश्विक मौसम विज्ञान, जल विज्ञान एवं समुद्र संबंधी डेटा प्राप्त करता है तथा इसका प्रसारण पुनः उपयोगकर्त्ता टर्मिनलों पर करता है।
    • उपग्रह साधित खोज एवं बचाव (SA & SR) प्रेषानुकर:
      • SA&SR के माध्यम से INSAT-3DS अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी बैंड को कवर करते हुए वैश्विक खोज और बचाव सेवाओं के लिये संकट संकेतों को प्रसारित करता है।
  • INSAT-3DS को संवर्धित मौसम विज्ञान प्रेक्षणों, मौसम के पूर्वानुमान में सहायता और आपदा चेतावनी क्षमताओं में सुधार करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • यह पूर्ण रूप से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) द्वारा वित्तपोषित है तथा भूस्थिर कक्षा से तीसरी पीढ़ी के मौसम विज्ञान उपग्रह का एक अनुवर्ती मिशन है।
  • यह उपग्रह मौजूदा INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की क्षमता में वृद्धि करते हुए, भूमि एवं महासागरीय सीमाओं की निगरानी करेगा।
    • भारत को INSAT-3D और 3DR मौसम उपग्रहों के माध्यम से मौसम संबंधी अपडेट मिलता है। INSAT 3DR का प्रमोचन वर्ष 2016 में INSAT-3D के अनुवर्ती मिशन के रूप में किया गया था जिसका प्रमोचन वर्ष 2013 में किया गया था।
  • यह भारत की मौसम एजेंसियों को अधिक सटीक मौसम पूर्वानुमान और बेहतर आपदा प्रबंधन रणनीतियों की सुविधा प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा।
  • यह डेटा संग्रह प्लेटफाॅर्मों से डेटा संग्रह और प्रसार क्षमताओं को सुविधाजनक बनाएगा।
  • INSAT-3DS आपातकाल प्रतिक्रिया क्षमताओं में वृद्धि करते हुए उपग्रह साधित खोज और बचाव सेवाएँ प्रदान करेगा।

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