रैपिड फायर
सरकार द्वारा क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन का विनियमन
- 07 Oct 2024
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स्रोत: लाइव मिंट
सरकार ने नैदानिक परीक्षणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये नैदानिक अनुसंधान संगठनों के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) स्थापित की है। ये अद्यतन नियम नवीन औषधि और नैदानिक परीक्षण (संशोधन) नियम, 2024 का हिस्सा हैं।
- इसके तहत सरकार ने पंजीकरण, लाइसेंस की स्वीकृति और नवीनीकरण, वैधता अवधि, निरीक्षण और गैर-अनुपालन पाए जाने पर लाइसेंस के निलंबन के माध्यम से निगरानी करने के लिये भूमिका, कर्त्तव्य और दायित्व परिभाषित किये हैं।
- इसका उद्देश्य उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखना, नवीन दवाओं और टीकों के नैदानिक परीक्षणों में तीव्रता लाने के साथ ही अधिक पारदर्शिता लाना भी है।
- इन्हें औषधि एवं तकनीकी सलाहकार समिति (DTAB) के परामर्श के पश्चात् तैयार किया गया है।
- क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (CRO):
- CRO एक इकाई है जो वाणिज्यिक, शैक्षणिक, व्यक्तिगत स्वामित्व वाली या कानूनी स्थिति वाली संस्था हो सकती है।
- इसे प्रायोजक द्वारा विशिष्ट कार्यों, कर्त्तव्यों या दायित्वों का प्रबंधन करने के लिये नियुक्त किया जाता है।
- ये ज़िम्मेदारियाँ नैदानिक परीक्षण, जैव-उपलब्धता या जैव-समतुल्यता अध्ययन से संबंधित हैं।
- ज़िम्मेदारियों का हस्तांतरण लिखित रूप में किया जाना चाहिये।
- औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड:
- यह औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
- इसका कार्य औषधियों एवं सौंदर्य प्रसाधनों से संबंधित तकनीकी मामलों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को सलाह देना है।
और पढ़ें: औषधि एवं नैदानिक परीक्षण नियम, 2019