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शासन व्यवस्था

चिकित्सा उपकरणों को ‘औषधि’ का दर्जा

  • 12 Feb 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के बारे में

मेन्स के लिये

नई अधिसूचना के प्रावधान और उनका प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने अधिसूचित किया है कि औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम (Drugs and Cosmetics Act), 1940 की धारा-3 के अनुसार, 1अप्रैल 2020 से चिकित्सीय उपकरणों को ‘औषधि (Drugs)’ का दर्जा प्रदान कर दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • अधिनियम की धारा-3 के अनुसार, चिकित्सा उपकरणों में इम्प्लांटेबल चिकित्सीय उपकरणों जैसे घुटने के प्रत्यारोपण (Knee Implants), सीटी स्कैन (CT Scan), MRI उपकरण (MRI Equipment), डीफिब्रिलेटर (Defibrillators), डायलिसिस मशीन (Dialysis Machine), पीईटी उपकरण (PET Equipment), एक्स-रे मशीन (X-ray Machine) आदि शामिल हैं।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को उम्मीद है कि इन मशीनों की सहायता से गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  • अधिसूचना के अनुसार, सभी चिकित्सा उपकरणों के निर्माताओं को अब आयात और बिक्री के लिये केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ( Central Drugs Standard Control Organisation-CDSCO ) से इन उपकरणों को प्रमाणित करवाने की आवश्यकता होगी।

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन

  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • देश भर में इसके छह ज़ोनल कार्यालय, चार सब-ज़ोनल कार्यालय, तेरह पोर्ट कार्यालय और सात प्रयोगशालाएँ हैं।
  • विज़न: भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना और उसे बढ़ावा देना।
  • मिशन: दवाओं, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता बढ़ाकर सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा तय करना।
  • औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और नियम 1945 (The Drugs & Cosmetics Act,1940 and rules 1945) के अंतर्गत CDSCO दवाओं के अनुमोदन, नैदानिक परीक्षणों के संचालन, दवाओं के मानक तैयार करने, देश में आयातित दवाओं की गुणवत्ता पर नियंत्रण और राज्य दवा नियंत्रण संगठनों को विशेषज्ञ सलाह प्रदान करके औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के प्रवर्तन में एकरूपता लाने के लिये उत्तरदायी है।

औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940

  • भारत का औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 (Drugs and Cosmetics Act, 1940) औषधियों तथा प्रसाधनों के निर्माण, बिक्री तथा संवितरण को विनियमित करता है।
  • इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति या फर्म राज्य सरकार द्वारा जारी उपयुक्त लाइसेंस के बिना औषधियों का स्टाॅक, बिक्री या वितरण नहीं कर सकता।
  • वर्ष 1940 में इस कानून की धारा-26 को संशोधित कर मान्यता प्राप्त उपभोक्ता संस्थाओं को औषधि तथा प्रसाधन सामग्री का नमूना परीक्षण तथा विश्लेषण करने के लिये अधिकृत किया गया।
  • इस अधिनियम के अंतर्गत तकनीकी मामलों पर केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों को परामर्श देने के लिये औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड का गठन किया गया।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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