वर्ष 2024 में वैश्विक बेरोज़गारी दर में गिरावट की संभावना | 31 May 2024
स्रोत: बिज़नेस स्टैंडर्ड
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation- ILO) ने वर्ष 2024 के लिये अपने वैश्विक बेरोज़गारी पूर्वानुमान को संशोधित किया है।
- यह संशोधन मुख्य रूप से चीन, भारत तथा उच्च आय वाले देशों में इस वर्ष अब तक अपेक्षा से कम बेरोज़गारी दर के कारण किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) को उम्मीद है कि 2024 में वैश्विक बेरोजगारी दर 4.9% होगी, मूल रूप से पूर्वानुमान के बाद कि इस वर्ष बेरोजगारी बढ़कर 5.2% हो जाएगी।
- समग्र सुधार के बावजूद, श्रम बाज़ारों में असमानताएँ बनी हुई हैं तथा विशेष रूप से निम्न आय वाले देशों में महिलाएँ इससे प्रभावित हैं।
- रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में 183 मिलियन लोग बेरोज़गार हैं, जबकि बिना नौकरी वाले लेकिन काम करना चाहने वाले लोगों की संख्या 402 मिलियन है।
- ILO अंतर्राष्ट्रीय श्रम मानकों के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक न्याय को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त राष्ट्र की एक कार्यकारी एजेंसी है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1919 में वर्साय की संधि के एक भाग के रूप में की गई थी, जिसके तहत प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ था और यह 1946 में संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी बन गई।
- जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित इस संगठन के 187 सदस्य देश हैं (भारत इसका संस्थापक सदस्य है) और यह एक त्रिपक्षीय संगठन के रूप में कार्य करता है, जो सरकारों, नियोक्ताओं तथा श्रमिकों को एक साथ लाती है, ताकि श्रम मानकों को निर्धारित किया जा सके।
- ILO संयुक्त राष्ट्र विकास समूह का भी सदस्य है, जिसका लक्ष्य सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
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