ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम ट्रैकर एंक्लेट | 15 Nov 2023
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में एक कैदी की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिये उसके पैर में ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) ट्रैकर एंक्लेट लगाने के बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
- देश में यह पहली बार है कि GPS ट्रैकर का इस तरह इस्तेमाल किया गया है।
GPS ट्रैकर एंक्लेट:
- परिचय:
- GPS एंक्लेट छोटे, पहनने योग्य उपकरण हैं, इन्हें उन व्यक्तियों के टखनों पर लगाया जाता है जो पैरोल, परिवीक्षा, घर में नज़रबंद या जमानत पर होते हैं और जिनकी कानूनी निगरानी आवश्यक होती है।
- ट्रैकर को किसी व्यक्ति के टखने या बाँह पर लगाया जा सकता है। इसके लिये GPS एंक्लेट और GPS ब्रेसलेट का उपयोग किया जाता है।
- GPS एंक्लेट से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने, उन्हें हटाने या क्षतिग्रस्त करने तथा ऐसे किसी अन्य प्रयास के चलते इसका अलार्म चालू हो जाता है।
- इनकी बैटरी लाइफ भी कई दिनों की होती है और इन्हें पहनने वाला इसे चार्ज कर सकता है।
- GPS एंक्लेट का उपयोग कर्फ्यू, यात्रा प्रतिबंध, न्यायालय या पर्यवेक्षण एजेंसी द्वारा लगाई गई अन्य शर्तों को लागू करने के लिये भी किया जा सकता है।
- GPS एंक्लेट छोटे, पहनने योग्य उपकरण हैं, इन्हें उन व्यक्तियों के टखनों पर लगाया जाता है जो पैरोल, परिवीक्षा, घर में नज़रबंद या जमानत पर होते हैं और जिनकी कानूनी निगरानी आवश्यक होती है।
- कार्य पद्धति:
- GPS एंक्लेट हर समय इसे पहनने वाले का सटीक स्थान प्रदान करने के लिये GPS तकनीक का उपयोग करती है और कानून प्रवर्तन तथा सुरक्षा एजेंसियों को वास्तविक समय पर उनकी गतिविधियों की निगरानी करने की अनुमति देती है।
- कैदियों पर GPS ट्रैकर एंक्लेट का उपयोग:
- इस GPS डिवाइस के प्रयोग के परिणामस्वरूप दांडिक न्याय लागत और जेल में मौजूद अपराधियों की संख्या को कम करने में मदद मिलती है जिससे सरकारी संसाधनों का उपयोग अन्य अधिक गंभीर अपराधों के लिये किया जा सकता है।
- ये डिवाइस अपराध की रोकथाम कर कानून का अनुपालन सुनिश्चित करते हैं और पारिवारिक संबंधों, शिक्षा एवं सहायता सेवाओं के माध्यम से अपराधी के कल्याण को बढ़ावा देकर उनकी सार्वजनिक सुरक्षा व पुनर्वास सुनिश्चित करते हैं।
- वैश्विक स्तर पर GPS एंक्लेट के उपयोग की वैधानिक स्थिति:
- संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम तथा मलेशिया सहित कई देशों में जमानत के लिये GPS ट्रैकर एक पूर्वापेक्षा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- भारत में GPS एंक्लेट से संबंधित चिंताएँ:
- मानव अधिकार कार्यकर्त्ताओं का तर्क है कि GPS से व्यक्तियों की निगरानी करना उनके निजता के अधिकार तथा अपराधियों की गरिमा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 'मेनका गांधी बनाम भारत संघ' (1978) मामले में फैसला सुनाया कि जीवन के अधिकार में मानव गरिमा का अधिकार भी शामिल है।
- GPS एंक्लेट कुछ कानूनी और नैतिक मुद्दों को उजागर करते हैं, जैसे भारत में उनके उपयोग को नियंत्रित करने वाले स्पष्ट एवं विशिष्ट कानूनों व विनियमों की कमी।
- मानव अधिकार कार्यकर्त्ताओं का तर्क है कि GPS से व्यक्तियों की निगरानी करना उनके निजता के अधिकार तथा अपराधियों की गरिमा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) क्या है?
- GPS एक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है, जिसका उपयोग स्थल पर किसी वस्तु की स्थिति निर्धारित करने के लिये किया जाता है। यह अमेरिकी स्वामित्व वाली प्रणाली उपयोगकर्त्ताओं को पोज़िशनिंग, नेविगेशन एवं टाइमिंग (PNT) सेवाएँ प्रदान करती है।
- यह नागरिक तथा सैन्य दोनों हेतु सेवा प्रदान करती है। नागरिक सेवा सभी उपयोगकर्त्ताओं के लिये निरंतर, विश्वव्यापी आधार पर निःशुल्क उपलब्ध है। सैन्य सेवा अमेरिका तथा संबद्ध सशस्त्र बलों के साथ-साथ अनुमोदित सरकारी एजेंसियों के लिये उपलब्ध है।
नोट:
- भारत की PNT सेवाओं को पूरा करने के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली स्थापित की है जिसे क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली (NavIC) कहा जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. GPS तकनीक का उपयोग निम्नलिखित में से किन क्षेत्रों में हो सकता है? (2018)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) |