वैश्विक ऊर्जा समीक्षा 2024 | 26 Mar 2025
स्रोत: द हिंदू
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने ऊर्जा मांग, आपूर्ति, प्रौद्योगिकी और CO₂ उत्सर्जन के रुझानों का विश्लेषण करते हुए वैश्विक ऊर्जा समीक्षा (GRE) 2024 जारी की।
GRE 2024 की मुख्य विशेषताएँ:
- वैश्विक ऊर्जा मांग वृद्धि: ऊर्जा मांग में 2.2% की वृद्धि हुई, जिसमें उभरती अर्थव्यवस्थाओं का योगदान 80% रहा।
- अक्षय ऊर्जा और प्राकृतिक गैस का उदय: 700 गीगावाट की रिकॉर्ड स्तर की क्षमता के साथ अक्षय ऊर्जा का कुल वृद्धि में 38% का योगदान रहा। चीन (340 गीगावाट सौर, 80 गीगावाट पवन) और भारत (30 गीगावाट सौर) इसमें प्रमुख योगदानकर्त्ता थे।
- प्राकृतिक गैस की मांग में 2.7% की वृद्धि हुई, जिसका प्रमुख कारण चीन में LNG का बढ़ता उपयोग था।
- कोयले की मांग का रुझान: वैश्विक स्तर पर कोयले की मांग में 1% की वृद्धि हुई, जिसमें चीन (कोयले से 60% बिजली की आपूर्ति) और भारत (75%) शीर्ष उपभोक्ता रहे।
- वैश्विक विद्युत उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी घटकर 35% हो गई, जो वर्ष 1974 से अभी तक का निम्नतम स्तर है।
- कच्चे तेल की मंद मांग: इसकी मांग में 0.8% की मंद वृद्धि हुई, जिसका मुख्य कारण पेट्रोकेमिकल क्षेत्र था, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन, LNG ट्रक और हाई-स्पीड रेल के माध्यम से परिवहन से संबंधित तेल की खपत में कमी हुई।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA):
- स्थापना: वर्ष 1974 में OECD देशों द्वारा (वर्ष 1973-74 में हुए तेल संकट के कारण)।
- मुख्यालय: पेरिस, फ्राँस।
- अधिदेश: विश्लेषण, डेटा और नीतिगत अनुशंसाओं के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास और वैश्विक भागीदारी सुनिश्चित करना।
- सदस्य: 31 सदस्य देश, 13 संघ देश (भारत सहित), और 4 अधिमेली देश। केवल OECD सदस्य ही IEA की सदस्यता हेतु पात्र हैं।
- प्रमुख रिपोर्टें: वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक रिपोर्ट, इंडिया एनर्जी आउटलुक रिपोर्ट, वर्ल्ड एनर्जी निवेश इन्वेस्टमेंट।
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