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मुद्रास्फीति नियंत्रण पर फोकस

  • 12 Feb 2024
  • 2 min read

स्रोत: द हिंदू

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) ने मुद्रास्फीति को 4% लक्ष्य के साथ संरेखित करने के लिये फरवरी 2024 में भी रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है।

  • MPC का उद्देश्य +/- 2% के बैंड के भीतर 4% मुद्रास्फीति का मध्यम अवधि का लक्ष्य हासिल करना है।
  • MPC ने निभाव (Accommodation) को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित रखने का भी निर्णय लिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति उतरोत्तर संवृद्धि को समर्थन प्रदान करते हुए लक्ष्य के साथ संरेखित हो।
    • उदार रुख का मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये मुद्रा आपूर्ति का विस्तार करने के लिये तैयार है।
    • निभाव को वापस लेने का मतलब प्रणाली में धन की आपूर्ति को कम करना होगा जो मुद्रास्फीति पर और लगाम लगाएगा।
  • RBI के एक हालिया, वक्तव्य में कहा गया है कि दिसंबर 2023 में हेडलाइन मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7% हो गई, जो मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति से प्रेरित है और निरंतर सतर्कता की आवश्यकता पर बल देती है।
  • MPC मुद्रास्फीति लक्ष्य हासिल करने के लिये आवश्यक नीतिगत ब्याज दर निर्धारित करती है। RBI मौद्रिक नीति की विभिन्न लिखतों को नियोजित करके मुद्रास्फीति और अपस्फीति को नियंत्रित करता है जैसे:

और पढ़ें: RBI ने नीतिगत दरें अपरिवर्तित 

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