भारतीय अर्थव्यवस्था
RBI मौद्रिक नीति समिति: नीतिगत दरें अपरिवर्तित
- 09 Jun 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:RBI, मौद्रिक नीति दरें, मौद्रिक नीति समिति (MPC), मुद्रास्फीति मेन्स के लिये:मौद्रिक नीति, वृद्धि और विकास, RBI एवं इसके मौद्रिक नीति उपकरण |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) ने उभरती व्यापक आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है।
- मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से 250 आधार अंकों की पिछली सीमित दर वृद्धि के बाद यह लगातार दूसरा विराम है।
- यह निर्णय मुद्रास्फीति प्रबंधन को संतुलित करने और आर्थिक विकास का समर्थन करने हेतु सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाता है।
मौद्रिक नीति समिति:
- यह वृद्धि के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखने हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत वैधानिक एवं संस्थागत ढाँचा है।
- RBI का गवर्नर समिति का पदेन अध्यक्ष होता है।
- MPC मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आवश्यक नीतिगत ब्याज दर (रेपो दर) निर्धारित करती है।
प्रमुख घोषणाएँ:
- नीतिगत दरें अपरिवर्तित हैं:
- चलनिधि समायोजन सुविधा (LAF) के तहत पॉलिसी रेपो दर 6.50% पर अपरिवर्तित बनी हुई है।
- स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर 6.25% पर अपरिवर्तित बनी हुई है।
- सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर और बैंक दर 6.75% पर बनी हुई है।
- मुद्रास्फीति प्रबंधन पर बल:
- MPC का लक्ष्य वृद्धि का समर्थन करते हुए मुद्रास्फीति को लक्ष्य के साथ संरेखित करने के लिये धीरे-धीरे समायोजन करना है।
- इसका उद्देश्य +/- 2% के बैंड के भीतर 4% उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति के मध्यम अवधि के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
- मुद्रास्फीति आउटलुक:
- खाद्य कीमतों की गतिशीलता:
- हेडलाइन मुद्रास्फीति का प्रक्षेपवक्र खाद्य कीमतों की गतिशीलता से प्रभावित होने की संभावना है।
- मंडियों में आवक और खरीद बढ़ने से गेहूँ की कीमतों में गिरावट देखी जा सकती है।
- आपूर्ति में कमी और उच्च चारा लागत के कारण दूध की कीमतों पर दबाव बना रह सकता है।
- मानसून प्रभाव:
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा सामान्य दक्षिण-पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान खरीफ फसलों के लिये सकारात्मक है।
- कच्चे तेल की कीमतें और इनपुट लागत:
- कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है लेकिन परिदृश्य अनिश्चित बना हुआ है।
- शुरुआती सर्वेक्षण के परिणाम फर्मों की इनपुट लागत और आउटपुट कीमतों के सहिष्णु (Hardening) होने की उम्मीदों का संकेत देते हैं।
- खाद्य कीमतों की गतिशीलता:
- मुद्रास्फीति और विकास अनुमान:
- CPI मुद्रास्फीति:
- वर्ष 2023-24 के लिये CPI मुद्रास्फीति 5.1% अनुमानित है।
- सामान्य मानसून CPI मुद्रास्फीति को वर्ष 2023-24 के लिये 5.1% अनुमानित किया गया है।
- GDP वृद्धि:
- उच्च रबी फसल उत्पादन, प्रत्याशित सामान्य मानसून और मज़बूत सेवा क्षेत्र चालू वर्ष में निजी खपत एवं समग्र आर्थिक गतिविधि का समर्थन करते हैं।
- सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर ज़ोर दिए जाने से वस्तुओं की कीमतों में नरमी और ऋण वृद्धि से निवेश गतिविधियों के पोषण की उम्मीद है।
- कम बाह्य मांग, भू-राजनीतिक तनाव और भू-आर्थिक विखंडन विकास परिदृश्य के लिये जोखिम पैदा करते हैं।
- वर्ष 2023-24 के लिये वास्तविक GDP वृद्धि 6.5% अनुमानित है।
- CPI मुद्रास्फीति:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2015)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से मौद्रिक नीति का/के घटक है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. यदि आर.बी.आई. प्रसारवादी मौद्रिक नीति का अनुसरण करने का निर्णय लेता है, तो वह निम्नलिखित में से क्या नहीं करेगा? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |