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प्रश्न :
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित स्थायी जमा सुविधा '(Standing Deposit Facility)' क्या है? इस ‘सुविधा’ को वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों में प्रस्तावित करने के क्या कारण हैं? समझाइए।
19 Apr, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
वर्ष 2014 में उर्जित पटेल समिति की रिपोर्ट में ‘स्थायी जमा सुविधा (SDF)’ की सिफारिश की गई थी जो अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीति का हिस्सा बनने वाली है।
SDF एक सुविधा है जिसके तहत अधिशेष तरलता सोखने के लिये किसी भी प्रकार की जमानत (Collateral) की आवश्यकता नहीं होगी। वस्तुतः जब बैंकों को अल्पावधि के लिये धन की आवश्यकता होती है तो वे RBI से रेपो रेट (Repo Rate) पर उधार लेते हैं, जिसके लिये उन्हें सरकारी प्रतिभूतियाँ (Govt Securities) गिरवी रखनी पड़ती हैं। इसी प्रकार, जब बैंकों के पास अधिक राशि होती तो वे उसे RBI में रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) पर जमा करते हैं। यहाँ भी सरकारी प्रतिभूतियाँ जमानत का काम करती है। SDF इसी प्रकार की सुविधा है लेकिन इसमें किसी जमानत (Collateral) की आवश्यकता नहीं होती है।
SDF इस समय क्यों प्रस्तुत की गई?
विमुद्रीकरण के पश्चात बैंकों के पास धन में काफी वृद्धि हो गई। इसे वे रिवर्स रेपो विंडो के तहत RBI को उधार दे रहे हैं। चूँकि, RBI ने रिवर्स रेपो दर (RRR) में भी 25 आधार अंकों की वृद्धि की है जिससे इस प्रक्रिया में बैंकों को लाभ भी बढ़ा है।
लेकिन, चिंता की बात यह है कि बैंकों द्वारा अत्याधिक मात्रा में धन RBI के पास जमा करवाने की स्थिति में ऐसा हो सकता है कि RBI के पास जमानत (Collateral) की पर्याप्त मात्रा न रहे। इसलिये SDF का प्रावधान युक्तिसंगत है क्योंकि इसमें RBI को जमानत (Collateral) प्रदान करने की आवश्यकता ही नहीं रहेगी और RBI अधिशेष तरलता सोखने में सफल रहेगी।
निष्कर्षः इस प्रकार, RBI अधिशेष तरलता को सोखकर अल्पकालिक दरों में गिरावट रोक सकती है, जो जमाकर्ता के लिये लाभदायक साबित होगा।To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
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