कश्मीर घाटी में यूरेशियन ओटर | 10 Feb 2025
स्रोत: बिज़नेस लाइन
यूरेशियन ओटर को 25 वर्षों में पहली बार लाइव डॉक्यूमेंटेशन के साथ गुरेज़ घाटी (कश्मीर) में देखा गया है।
- इसे किशनगंगा नदी ( कृष्णसर झील, गांदरबल ज़िला (जम्मू-कश्मीर) से निकलने वाली ) में मछलियाँ खाते हुए देखा गया।
- यह नदी PoK में प्रवेश करने से पहले कश्मीर की तुलैल और गुरेज घाटियों से होकर उत्तर की ओर बहती है।
यूरेशियन ओटर के बारे में:
- परिचय: ओटर मस्टेलिडे नामक स्तनधारी परिवार के सदस्य हैं और खारे तथा मीठे जल दोनों में रहते हैं।
- जम्मू-कश्मीर में, उन्हें स्थानीय रूप से वोदुर के नाम से जाना जाता है और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
- ओटर मुख्य रूप से सुबह और शाम (Crepuscular) के समय सक्रिय होते हैं।
- प्राकृतिक वास: हिमालय, पूर्वोत्तर भारत और पश्चिमी घाट में पाया जाता है।
- माँसाहारी आहार: मछली, क्रस्टेशियन, उभयचर और कभी-कभी सरीसृप, पक्षी, अंडे, कीड़े और कृमि खाते हैं।
- संरक्षण स्थिति: निकट संकटग्रस्त (IUCN), अनुसूची I (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972), परिशिष्ट I (CITES)।
- भारत में अन्य ओटर प्रजातियाँ: स्मूथ-कोटेड ओटर (संपूर्ण भारत में), और स्माल-क्लावेड ओटर (हिमालय और दक्षिणी भारत में)।
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