रंगों के आयाम | 06 Jun 2024

स्रोत: द हिंदू

रंग हमारे आस-पास के सौंदर्य और प्रतीकात्मक पहलुओं को समृद्ध करके, अपनी व्याख्या में सांस्कृतिक विविधता को अपनाकर तथा विश्व और उसमें हमारी भूमिका के बारे में हमारी समझ को विकसित करके समकालीन मानव जीवन को गहनता से आकार देते हैं।

रंग क्या हैं?

  • परिचय:
    • रंग मानव दृश्य प्रणाली द्वारा विद्युत चुंबकीय विकिरण के प्रसंस्करण का परिणाम हैं।
    • मानव आँख में शंकु कोशिकाएँ प्रकाश तरंगदैर्घ्य से संबंधित जानकारी का पता लगाती हैं और उसे मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं, जिससे रंगों का बोध संभव होता है।
    • मनुष्य में तीन प्रकार की शंकु कोशिकाएँ पाई जाती हैं, जो ट्राइक्रोमैटिक विज़न को सक्षम बनाती हैं, जबकि कुछ जानवरों, जैसे पक्षियों और सरीसृपों में चार प्रकार के शंकु कोशिकाएँ (टेट्राक्रोमेट्स) पाई जाती हैं।
      • मानव दृष्टि 400 नैनोमीटर से 700 नैनोमीटर (दृश्य प्रकाश) तक की तरंगदैर्घ्य सीमा तक सीमित है, जबकि मधुमक्खियाँ पराबैंगनी प्रकाश को भी 'देख' सकती हैं और मच्छर तथा कुछ भृंग अवरक्त विकिरण (मानव इसे ऊष्मा के रूप में अनुभव करते हैं) की तरंगदैर्घ्य में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • रंगों का विज्ञान:
    • पारंपरिक रंग सिद्धांत, जो अन्य रंग बनाने के लिये 3 प्राथमिक निश्चित रंग (लाल, हरा और नीला) के संयोजन पर ज़ोर देता है।
    • आधुनिक रंग सिद्धांत का तर्क है कि सभी रंगों को किसी भी तीन रंगों को अलग-अलग तरीकों से मिलाकर बनाया जा सकता है। 
  • रंग प्रस्तुत करने के दो तरीके:
    • एडिटिव कलरिंग: विभिन्न रंगों को तैयार करने के लिये प्रकाश तरंगदैर्ध्य को संयोजित करना, जैसा कि स्मार्टफोन स्क्रीन और टी.वी. जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले में देखा जाता है, जिसमें RGB रंग स्थान का उपयोग किया जाता है।
    • सबट्रैक्टिव कलरिंग: सफेद प्रकाश से विशिष्ट तरंगदैर्ध्य को कम करके नया रंग प्राप्त करना, जो आमतौर पर रंगों, पिगमेंट और स्याही के साथ किया जाता है।
  • रंग के गुण:
    • रंगत (Hue): मानक रंगों जैसे लाल, नारंगी, पीला आदि से समानता या भिन्नता की डिग्री, जो अनुभव किये गए रंग को प्रभावित करती है।
    • चमक (Brightness): किसी वस्तु की चमक से संबंधित, उत्सर्जित या परावर्तित प्रकाश की मात्रा को दर्शाती है।
    • चमक का कम होना (Lightness): किसी वस्तु की चमक की तुलना एक अच्छी तरह से प्रकाशित सफेद वस्तु से करना।
    • वर्णकता (Chromaticity): प्रकाश की स्थिति की परवाह किये बिना, रंग की गुणवत्ता की धारणा।
  • रंग का महत्त्व:
    • रंग मनुष्य के आसपास की विश्व को देखने और उसके साथ आपसी समन्वय के तरीके को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है।
    • रंग मानव संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है, जिसमें कला, सामाजिक पदानुक्रम, दर्शन, व्यापार, नवाचार, प्रतीकवाद, राजनीति, धर्म और जलवायु परिवर्तन (ग्रीन वॉशिंग) जैसी घटनाओं के प्रति प्रतिक्रियाएँ आदि भी शामिल हैं।
    • प्राकृतिक घटनाएँ और मानव निर्मित वस्तुएँ जैसे चित्रकला, दोनों ही रंगों के माध्यम से सौंदर्यात्मक आकर्षण प्राप्त करती हैं तथा प्रतीकात्मक महत्त्व व्यक्त करती हैं।
    • कुछ रंग सार्वभौमिक संदेश देते हैं (जैसे, स्टॉप साइन के रूप में लाल)
  • रंग के प्रभाव के उदाहरण:
    • पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि प्रारंभिक मानव समाज सांस्कृतिक प्रथाओं के लिये गेरू रंग (Ochre Pigment) का उपयोग करता था, जो उनकी बुद्धिमत्ता और कलात्मक अभिव्यक्ति का संकेत देता है।
    • नीली LED ने RGB रंग स्थान को पूरा करके, ऊर्जा-कुशल प्रकाश समाधान को सक्षम करके और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रगति करके उद्योगों में क्रांति ला दी है।

जब हम अपनी आँखें बंद करते हैं तो पैटर्न और रंग क्यों दिखाई देते हैं?

  • जब आँखें बंद होती हैं या अंधेरे कमरे में होती हैं तो पैटर्न और रंगों का दिखना एक एंटोप्टिक घटना है, जिसे बंद आँख दृश्यीकरण या फॉस्फीन कहा जाता है।
  • सामान्य कोशिकीय कार्य के भाग के रूप में, रेटिना में उपस्थित परमाणु फोटोन के सूक्ष्म कणों को अवशोषित और उत्सर्जित करते हैं तथा ऑप्टिक तंत्रिका इन प्रकाश संकेतों को मस्तिष्क तक पहुँचाती है।
  • फोटॉनों की अनुपस्थिति में भी, थैलेमस, दृश्य कॉर्टेक्स और रेटिना में न्यूरॉन हमेशा सक्रिय रहते हैं, अन्य दृश्य न्यूरॉनों को सक्रिय कर सकते हैं तथा विभिन्न पैटर्न व रंग बना सकते हैं।
  • फॉस्फीन की उत्पत्ति कहाँ से होती है (रेटिना, थैलेमस या दृश्य कॉर्टेक्स) इसके आधार पर यह विभिन्न आकार, पैटर्न और रंग ग्रहण सकता है।
  • फॉस्फीन को यांत्रिक उत्तेजना, चयापचय उत्तेजना (जैसे कि निम्न रक्तचाप), चुंबकीय या विद्युत उत्तेजना तथा साइलोसाइबिन जैसी कुछ दवाओं द्वारा भी उत्पन्न किया जा सकता है।
  • जब मस्तिष्क पुनर्निर्मित छवि को समझ नहीं पाता, तो वह तुरंत इसे फॉस्फीन के रूप में लेबल कर देता है।

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  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. जब धूप वर्षा की बूँदों पर गिरती है, तो इंद्रधनुष बनता है। इसके लिये निम्नलिखित में से कौन-सी भौतिक परिघटनाएँ ज़िम्मेवार हैं?

  1. परिक्षेपण
  2. अपवर्तन
  3. आंतरिक परावर्तन

नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)