पूर्वी अफ्रीका में उष्णकटिबंधीय ग्लेशियरों में कमी | 24 Feb 2024
स्रोत: डाउन टू अर्थ
वर्ष 2021-2022 के लिये उच्च-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह छवियों के हालिया विश्लेषण से अफ्रीका में विशेष रूप से पूर्वी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय ग्लेशियरों में बर्फ के कम होने की चिंताजनक प्रवृत्ति का पता चला है।
- पूर्वी अफ़्रीका में उष्णकटिबंधीय ग्लेशियर, जिनमें रुवेंज़ोरी पर्वत (युगांडा/कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य), माउंट केन्या (केन्या) और किलिमंजारो (तंजानिया) शामिल हैं, जो भूमध्य रेखा के 3° अक्षांश के बीच हैं, उनका आकार काफी कम हो गया है।
- वर्ष 1900 के बाद से किलिमंजारो ने अपने ग्लेशियर क्षेत्र का केवल 8.6%, माउंट केन्या ने 4.2% और रवेंज़ोरी रेंज ने 5.8% बरकरार रखा है।
- इन अध्ययनों से प्राप्त होता है कि पूर्वी अफ्रीका में आधुनिक ग्लेशियर का 90% से अधिक विस्तार वर्ष 2020 की शुरुआत तक कम हो गया है।
- माउंट किलिमंजारो अफ्रीकी महाद्वीप का सबसे ऊँचा पर्वत और विश्व का सबसे ऊँचा खड़ा पर्वत (समुद्र तल से 5,895 मीटर) है।
- यह अध्ययन जलवायु परिवर्तनशीलता और जलवायु परिवर्तन के संकेतक के रूप में उष्णकटिबंधीय ग्लेशियरों के महत्त्वपूर्ण महत्त्व को रेखांकित करता है, इस पर्यावरणीय चुनौती के सामने आगे के शोध तथा संरक्षण प्रयासों की तत्काल आवश्यकता पर बल देता है।
- उष्णकटिबंधीय ग्लेशियर आमतौर पर भूमध्य रेखा के पास और इंटरट्रॉपिकल कन्वर्जेंस ज़ोन (ITCZ) के अंदर स्थित होते हैं, जो उन्हें जलवायु विविधताओं के प्रति संवेदनशील बनाते हैं।
- ITCZ वह स्थान है जहाँ उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध की व्यापारिक पवनें भूमध्य रेखा के पास मिलती हैं।
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