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डॉ. के. कस्तूरीरंगन का योगदान

  • 28 Apr 2025
  • 4 min read

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष (1994-2003) डॉ. के. कस्तूरीरंगन का बंगलुरु में निधन हो गया।

डॉ. के. कस्तूरीरंगन का योगदान क्या था?

  • ISRO में नेतृत्व: उन्होंने भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 (2008) के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत में अंतरिक्ष अन्वेषण की शुरुआत हुई।
  • रिमोट सेंसिंग और राष्ट्रीय विकास में भूमिका: उन्होंने राष्ट्रीय प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन प्रणाली (NNRMS) में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई , जिससे कृषि, जल प्रबंधन, वानिकी और स्वास्थ्य  जैसे क्षेत्रों के लिये उपग्रह-आधारित सेवाएँ सक्षम हुईं।
  • अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में अग्रणी: उन्होंने EDUSAT (दूरस्थ-शिक्षा के लिये), INSAT/GSAT (सुदूर-चिकित्सा और संचार के लिये), OCEANSAT (समुद्र विज्ञान के लिये) और CARTOSAT (मानचित्रकला के लिये) जैसे विषयगत अंतरिक्ष मिशनों की शुरुआत की, जिसका भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास पर सीधा प्रभाव पड़ा।
  • विज्ञान से परे नीतिगत योगदान: ISRO में अपने कार्यकाल के बाद, उन्होंने राज्यसभा सदस्य और बाद में योजना आयोग (अब नीति आयोग )  के सदस्य के रूप में कार्य किया।
    • उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का मसौदा तैयार करने वाली समिति की अध्यक्षता की।
    • उन्होंने पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी रिपोर्ट की समीक्षा के लिये उत्तरदायी समिति की अध्यक्षता की।
      • उन्होंने सिफारिश की कि संपूर्ण पश्चिमी घाट के बजाय इसके केवल 37% क्षेत्र को ही पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (ESA) के अंतर्गत लाया जाए।
  • मान्यता और पुरस्कार: उनके योगदान के लिये उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले तथा अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके कार्य के लिये अंतर्राष्ट्रीय मान्यता भी मिली।

  यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रक्षेपण यान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. PSLVs पृथ्वी संसाधनों की निगरानी के लिये उपयोगी उपग्रहों को लॉन्च करते हैं, जबकि GSLVs को मुख्य रूप से संचार उपग्रहों को लॉन्च करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  2.  PSLVs द्वारा प्रक्षेपित उपग्रह पृथ्वी पर किसी विशेष स्थान से देखने पर आकाश में उसी स्थिति में स्थायी रूप से स्थिर प्रतीत होते हैं।
  3.  GSLV Mk-III एक चार चरणों वाला प्रक्षेपण यान है जिसमें पहले और तीसरे चरण में ठोस रॉकेट मोटर्स का उपयोग तथा दूसरे व चौथे चरण में तरल रॉकेट इंजन का उपयोग किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल  2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) केवल 3

उत्तर: (a)

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