कारागार में दांपत्य परिदर्शन | 30 Dec 2024

स्रोत: द हिंदू 

दिल्ली सरकार कैदियों के लिये दांपत्य परिदर्शन की अनुमति प्रदान किये जाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार कर रही है।

  • दांपत्य परिदर्शन:
    • इसका तात्पर्य निजी पारिवारिक भेंट से है, जिसमें कैदी कारागार के भीतर अपने विधिक पति/पत्नी के साथ समय व्यतीत करते हैं।
    • मनोवैज्ञानिक कल्याण में सुधार और कैदियों के वैवाहिक संबंधों को बनाए रखते हुए इससे कैदियों के पुनर्वास तथा दीर्घकालिक सुधार को बढ़ावा मिलता है।
  • न्यायिक निर्णय:
    • पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने वर्ष 2014 में कैदियों के संतानोत्पत्ति के अधिकार को बरकरार रखा था।
    • मद्रास उच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में वैवाहिक संबंधों के लिये पैरोल की अनुमति दी थी।
    • जुलाई 2023 में मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम ने तमिलनाडु सरकार से कारागार परिसर के भीतर कैदियों के लिये वैवाहिक संबंधों की अनुमति देने पर विचार करने का आग्रह किया था।
  • अन्य देश: अमेरिका के कुछ राज्यों में दांपत्य परिदर्शन की अनुमति है, लेकिन संघीय कारागारों में नहीं है।
    • यूरोप में स्पेन, फ्राँस, स्वीडन और डेनमार्क जैसे देश इस प्रकार की भेंट की अनुमति प्रदान करते हैं और स्पेन मासिक एवं स्वीडन 9 घंटे की समयावधि प्रदान करता है।

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