रैपिड फायर
बीमाकर्त्ता के लिये कंपोजिट लाइसेंस
- 18 Dec 2024
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में, केंद्र सरकार ने बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन के माध्यम से समग्र या कंपोजिट लाइसेंस शुरू करने का प्रस्ताव रखा, जिसका उद्देश्य भारत में बीमा तक पहुँच सुनिश्चित करना तथा वर्ष 2047 तक 'सभी के लिये बीमा' का लक्ष्य हासिल करना है।
- समग्र या कंपोजिट लाइसेंस: समग्र लाइसेंस बीमाकर्त्ताओं को एक ही पंजीकरण के तहत जीवन और गैर-जीवन बीमा की पेशकश करने की अनुमति देता है, जिससे परिचालन एक इकाई में समेकित हो जाता है।
- वर्तमान में, बीमा कंपनियों को प्रत्येक व्यवसाय के लिये अलग-अलग लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
लाभ:
- समग्र लाइसेंस बीमा कंपनियों को एक ही इकाई के तहत कई लाइनों का प्रबंधन करने की अनुमति प्रदान कर लागत और स्वीकृति से संबंधित असुविधाओं में कमी लाता है, जिससे नवाचार और दक्षता को बढ़ावा मिलता है।
- एकीकृत आईटी प्रणालियों के साथ, जीवन बीमा कंपनियाँ क्षतिपूर्ति-आधारित स्वास्थ्य बीमा की पेशकश कर सकती हैं, जिससे अंडरराइटिंग में सुधार और खर्चों में कटौती होगी।
- एजेंट जीवन और गैर-जीवन दोनों प्रकार के उत्पाद बेच सकते हैं, ताकि ग्राहकों की वित्तीय आवश्यकताएँ बेहतर ढंग से पूरी हो सकें।
विनियामक परिवर्तन :
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) बीमा कंपनियों को समग्र लाइसेंस प्रदान करने हेतु जीवन बीमा निगम (LIC) अधिनियम, 1956 और सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम (GIBNA), 1972 में संशोधन की आवश्यकता है।
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