बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती | 09 Dec 2024
स्रोत: द हिंदू
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के हालिया अवलोकनों से पता चला है कि बिग बैंग के 400-650 मिलियन वर्ष बाद भी विशाल, पूर्ण आकाशगंगाओं और ब्लैक होल का अस्तित्व था।
- यह बिग बैंग सिद्धांत के मानक मॉडल को चुनौती देता है, जिसके अनुसार ब्रह्मांड के निर्माण के बाद आकाशगंगा के निर्माण में अरबों वर्ष लगे।
अध्ययन की मुख्य बातें क्या हैं?
- बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती: नासा के JWST ने बिग बैंग के 400-650 मिलियन वर्ष बाद ही आश्चर्यजनक रूप से बड़ी संख्या में विशाल, पूर्ण आकाशगंगाओं की खोज की है। यह बिग बैंग सिद्धांत को चुनौती देता है, जिसके अनुसार ब्रह्मांड की शुरुआत 13.8 बिलियन वर्ष पूर्व अत्यंत तप्त और सघन बिंदु (सिंगुलैरिटी) के रूप में हुई थी, ऐसा माना जाता है कि आकाशगंगाएँ बहुत बाद में अर्थात् कई अरब वर्षों में निर्मित हुईं।
- ब्रह्मांड के विकास के संबंध में ये आरंभिक, परिपक्व आकाशगंगाएँ वर्तमान बोध के अनुरूप नहीं हैं।
- संकेतक के रूप में ब्लैक होल: ब्लैक होल (जिन्हें छोटे लाल बिंदु कहा जाता है), विशेष रूप से आकाशगंगाओं के केंद्र में स्थित अतिविशाल ब्लैक होल, आकाशगंगा के निर्माण और विकास के प्रमुख संकेतक के रूप में कार्य करते हैं।
- ब्लैकहोल द्वारा उत्सर्जित ऊष्मा और प्रकाश की मात्रा आकाशगंगाओं में तारों के द्रव्यमान को सटीक रूप से मापने में सहायक है।
- आरंभिक ब्रह्मांड में विशाल आकाशगंगाओं का कारण: आरंभिक ब्रह्मांड में बड़ी संख्या में विशाल आकाशगंगाओं को इस रूप में परिभाषित किया जा सकता है कि इन आकाशगंगाओं ने वर्तमान आकाशगंगाओं की तुलना में अधिक कुशलता के साथ तारों का निर्माण किया था।
- JWST की भूमिका: इसमें 6.5 मीटर चौड़ा प्राथमिक दर्पण होता है, इसे आरंभिक ब्रह्मांड के अध्ययन पर केंद्रित, विशेष रूप से अवरक्त अवलोकनों के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- अवरक्त वर्णक्रम में अवलोकन से शोधकर्त्ताओं को आरंभिक आकाशगंगाओं से प्रकाश का पता लगाने, धूम्र मेघों (dust clouds) के पार देखने और उन खगोलीय पिंडों की पहचान करने में सहायता मिलती है, जो अन्यथा अस्पष्ट होते हैं।
बिग-बैंग सिद्धांत
- ब्रह्मांड की उत्पत्ति: वर्ष 1927 में जॉर्जेस लेमेत्रे द्वारा प्रस्तावित बिग-बैंग सिद्धांत के अनुसार कैसे ब्रह्मांड की शुरुआत एक एकल, लघु और तप्त बिंदु के रूप में हुई, जिसने विस्तृत रूप से विशाल ब्रह्मांड का निर्माण किया।
- साक्ष्य और पुष्टि: बाद में एडविन हब्बल ने विस्तारित आकाशगंगाओं का अवलोकन करके इस विचार की पुष्टि की, जिससे संकेत मिलता है कि वर्तमान में भी ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।
- जैसे-जैसे ब्रह्माण्ड का विस्तार होता है, दूरस्थ आकाशगंगाओं से आने वाला दृश्य और पराबैंगनी प्रकाश अवरक्त तरंगदैर्घ्य में परिवर्तित हो जाता है।
- आकाशीय पिंडों का निर्माण: जैसे-जैसे ब्रह्मांड का विस्तार हुआ, यह शीतल हुआ, जिससे कणों ने परमाणुओं का निर्माण किया, जो पुनः मिलकर ग्रहों, क्षुद्रग्रहों, धूमकेतुओं और ब्लैक होल जैसे आकाशीय पिंडों का निर्माण करने लगे।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रारंभिक:प्रश्न: कभी-कभी समाचारों में 'इवेंट होराइजन', 'सिंगुलैरिटी', 'स्ट्रिंग थ्योरी' और 'स्टैंडर्ड मॉडल' जैसे शब्द किस संदर्भ में आते हैं? (2017) (a) ब्रह्मांड का प्रेक्षण और बोध उत्तर: (a) प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा/से वैज्ञानिकों द्वारा ब्रह्मांड के निरंतर विस्तार के साक्ष्य/सबूत के रूप में उद्धृत किया गया है? (वर्ष 2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) 1 और 2 उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं? (2008)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 2 और 3 उत्तर: (b) |