विद्युत (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन | 07 Mar 2024
स्रोत:पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
ग्राहकों को सशक्त बनाने के साथ छत पर सौर परियोजनाओं के निर्माण में तेज़ी लाने के प्रयास में, विद्युत मंत्रालय ने विद्युत (ग्राहकों के अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन अधिसूचित किया है। ये संशोधन आवासों में कनेक्शन के मुद्दों को संबोधित करते हैं और साथ ही मीटर रीडिंग की शिकायतों का समाधान भी करते हैं।
विद्युत नियम, 2020 में प्रमुख संशोधन क्या हैं?
- छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली की सरल एवं त्वरित स्थापना:
- 10 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिये तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की आवश्यकता से छूट प्रदान की गई है।
- 10 किलोवाट से अधिक क्षमता की प्रणालियों के लिये व्यवहार्यता अध्ययन पूरा करने की समय-सीमा 20 दिन से घटाकर 15 दिन कर दी गई है।
- एक तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन में आमतौर पर साइट उपयुक्तता, इमारत की संरचनात्मक अखंडता, उपलब्ध सूरज की रोशनी, विद्युत बुनियादी ढाँचे की अनुकूलता एवं संभावित बाधाओं अथवा चुनौतियों जैसे कारकों का आकलन करना शामिल होता है जो सौर पैनलों की स्थापना और संचालन को प्रभावित कर सकते हैं।
- यह अनिवार्य है कि 5 किलोवाट क्षमता तक की छत पर सौर PV प्रणालियों के लिये आवश्यक वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण वितरण कंपनी द्वारा अपनी लागत पर किया जाएगा।
- इसके अलावा, वितरण लाइसेंसधारी के लिये रूफटॉप सोलर PV सिस्टम चालू करने की समय-सीमा 30 से घटाकर 15 दिन कर दी गई है।
- इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिये अलग कनेक्शन:
- उपभोक्ता अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये अलग से बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं।
- यह भारत के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्य के अनुरूप है।
- नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने की समयावधि महानगरीय क्षेत्रों में 7 से घटाकर 3 दिन, अन्य नगर निगम क्षेत्रों में 15 से घटाकर 7 दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 से घटाकर 15 दिन कर दी गई है।
- हालाँकि, पहाड़ी इलाकों वाले ग्रामीण क्षेत्रों में नए कनेक्शन या मौजूदा कनेक्शन में संशोधन के लिये समय अवधि 30 दिन ही रहेगी।
- उपभोक्ता अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिये अलग से बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं।
- कॉलोनियों और फ्लैटों में उपभोक्ताओं के लिये अतिरिक्त अधिकार:
- सहकारी समूह हाउसिंग सोसायटियों, बहुमंज़िली इमारतों, आवासीय कॉलोनियों आदि में रहने वाले मालिकों के पास वितरण लाइसेंसधारी से या तो सभी के लिये व्यक्तिगत कनेक्शन या पूरे परिसर के लिये एकल-बिंदु कनेक्शन चुनने का विकल्प होगा।
- इस विकल्प का प्रयोग वितरण कंपनी द्वारा किये जाने वाले पारदर्शी मतदान पर आधारित होगा।
- एकल-बिंदु कनेक्शन के माध्यम से बिजली की आपूर्ति पाने वाले उपभोक्ताओं और व्यक्तिगत कनेक्शन का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले प्रशुल्क/टैरिफ में भी समानता लाई गई है।
- निम्नलिखित विषयों के संबंध में मीटरिंग, बिलिंग और संग्रहण अलग से किया जाएगा:
- वितरण लाइसेंसधारक से प्राप्त व्यक्तिगत बिजली की खपत
- आवासीय संघ द्वारा आपूर्ति की गई बैकअप बिजली की व्यक्तिगत खपत
- ऐसे आवासीय संघों के कॉमन एरिया के लिये बिजली की खपत, जो वितरण लाइसेंसधारक से प्राप्त की जाती है।
- शिकायतों के मामलों में अतिरिक्त मीटर की आवश्यक सुविधा:
- उपभोक्ता द्वारा मीटर रीडिंग के उनकी वास्तविक बिजली खपत के अनुरूप नहीं होने की शिकायत करने जैसे मामलों में वितरण लाइसेंसधारक को शिकायत मिलने की तिथि से पाँच दिनों के भीतर एक अतिरिक्त मीटर स्थापित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- इस अतिरिक्त मीटर का उपयोग न्यूनतम तीन माह की अवधि के लिये खपत को जाँचने के लिये किया जाएगा, इस प्रकार उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया जाएगा और बिलिंग में सटीकता सुनिश्चित की जाएगी।
- उपभोक्ता द्वारा मीटर रीडिंग के उनकी वास्तविक बिजली खपत के अनुरूप नहीं होने की शिकायत करने जैसे मामलों में वितरण लाइसेंसधारक को शिकायत मिलने की तिथि से पाँच दिनों के भीतर एक अतिरिक्त मीटर स्थापित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
सौर ऊर्जा से संबंधित अन्य सरकारी पहल क्या हैं? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. भारत में सौर ऊर्जा की प्रचुर संभावनाएँ हैं, हालाँकि इसके विकास में क्षेत्रीय भिन्नताएँँ हैं। विस्तृत वर्णन कीजिये। (2020) |