शुक्र ग्रह पर सक्रिय ज्वालामुखी | 18 Mar 2023
हाल ही में नासा के मैगलन अंतरिक्ष यान ने विभिन्न कक्षाओं से शुक्र ग्रह की सतह की तस्वीरें लीं और दो वर्षों में दो अथवा तीन बार कुछ स्थानों पर ज्वालामुखीय गतिविधियाँ होने की आशंका जताई गई है।
प्रमुख बिंदु
- रडार से प्राप्त दशकों पुरानी छवियों के अध्ययन से शुक्र ग्रह पर सक्रिय ज्वालामुखी होने के नए प्रमाण मिले हैं।
- शुक्र ग्रह पर 2.2 वर्ग किलोमीटर के ज्वालामुखीय छिद्र के आकार में विगत आठ महीनों में कई बार परिवर्तन हुए हैं, जो ज्वालामुखीय गतिविधि का संकेत है।
- ज्वालामुखीय छिद्र एक ऐसा स्थान है जिसके माध्यम से तरल चट्टानी पदार्थ/लावा निकलता है।
- इसमें लावा के निकलने के संकेत मिले हैं, रडार से प्राप्त छवियों के अनुसार, इस छिद्र का आकार दोगुना हो गया था और लावा उपर तक पहुँच गया था। यह छिद्र माट मॉन्स से संबंधित है।
- माट मॉन्स इस ग्रह का दूसरा सबसे ऊँचा ज्वालामुखी है। यह एटला रेजियो में स्थित है, जो शुक्र के भूमध्य रेखा के पास एक विशाल उच्च भूमि क्षेत्र है, में ये बदलाव उस छिद्र से लावा निकलने के कारण हुए थे जो कि संभावित ज्वालामुखीय गतिविधि की ओर इशारा करते हैं।
मैगलन मिशन:
- शुक्र ग्रह हेतु नासा का मैगलन मिशन सबसे सफल प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों में से एक था।
- यह शुक्र ग्रह, जिसे 4 मई, 1989 को लॉन्च किया गया था, की पूरी सतह की छवि लेने वाला पहला अंतरिक्ष यान था, साथ ही इसने ग्रह के बारे में कई खोजें कीं।
- 13 अक्तूबर, 1994 को मैगलन के साथ संचार उस समय टूट गया जब उसे शुक्र के वातावरण में उतरने का निर्देश दिया गया।
शुक्र संबंधी आगामी अभियान:
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन भी शुक्र का अध्ययन करने हेतु शुक्रयान-1 पर काम कर रहा है। ऑर्बिटर संभवतः ग्रह की भूगर्भीय और ज्वालामुखीय गतिविधि, ज़मीन पर उत्सर्जन, वायु की गति, बादलों के आवरण एवं वृत्ताकार कक्षा से अन्य ग्रहों की विशेषताओं का अध्ययन करेगा।
- नया विश्लेषण यूरोपीय एनविज़न जैसे आगामी मिशनों हेतु लक्षित क्षेत्रों को निर्धारित करने में सहायता करेगा, जिसे वर्ष 2032 में लॉन्च किया जाना है।
- शुक्र ग्रह हेतु दो मिशनों की योजना बनाई जा रही है, नासा के VERITAS और DAVINCI द्वारा वर्ष 2030 के दशक में शुक्र का निरीक्षण किये जाने की उम्मीद है।
शुक्र ग्रह:
- परिचय:
- यह सूर्य का दूसरा निकटतम ग्रह है और सौरमंडल का छठा सबसे बड़ा ग्रह है। इसे पृथ्वी का जुड़वाँ ग्रह भी कहा जाता है।
- यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है और इसका अधिकतम तापमान (450o C) और अम्लीय मेघ इसे जीवन के लिये एक असंभावित जगह बनाते हैं।
- शुक्र ग्रह अन्य ग्रहों के सापेक्ष विपरीत घूमता है अर्थात् इसका सूर्य पश्चिम में उदय होता है तथा पूर्व में अस्त होता है।
- बुध ग्रह के साथ-साथ इसका भी न तो कोई चंद्रमा है और न ही कोई वलय है।
शुक्र ग्रह पर भेजे गए पूर्ववर्ती मिशन |
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अमेरिका |
रूस |
जापान |
यूरोप |
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न 1. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (2014) अंतरिक्षयान उद्देश्य
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) व्याख्या:
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