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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

शुक्रयान-1

  • 17 Jan 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

शुक्र के लिये रोबोटिक मिशन (दा विंची प्लस और वेरिटास), शुक्र पर भेजे गए पिछले मिशन, शुक्र की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ। 

मेन्स के लिये:

शुक्र के लिये इसरो का अंतरिक्ष मिशन, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी।

चर्चा में क्यों? 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का शुक्र मिशन शुक्रयान-1 को वर्ष 2031 तक के लिये स्थगित किया जा सकता है। ISRO के शुक्र मिशन को दिसंबर 2024 में लॉन्च किये जाने की उम्मीद थी।

  • अमेरिकी और यूरोपीय दोनों अंतरिक्ष एजेंसियों ने वर्ष 2031 में क्रमशः वेरिटास (VERITAS) एवं एनविज़न (EnVision) नामक शुक्र मिशन की योजना बनाई है, जबकि चीन वर्ष 2026 या 2027 में शुक्र मिशन लॉन्च कर सकता है।

स्थगन का कारण:

  • इसरो ने मूल रूप से वर्ष 2023 के मध्य में शुक्रयान-1 लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन महामारी ने तारीख को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया। 
    • आदित्य एल-1 और चंद्रयान-3 सहित इसरो के अन्य मिशन भी विनिर्माण में देरी एवं वाणिज्यिक प्रक्षेपण प्रतिबद्धताओं से प्रभावित हुए हैं। 
  • शुक्र ग्रह प्रत्येक 19 माह में एक बार पृथ्वी के सबसे निकट होता है जो मिशन के लॉन्च हेतु सबसे उपयुक्त समय होता है,  यही कारण है कि इसरो के पास वर्ष 2026 और 2028 में 'बैकअप' लॉन्च का समय है (यदि वह वर्ष 2024 का अवसर चूक जाता है)। 
  • लेकिन और भी उपयुक्त समय जो लिफ्ट ऑफ पर आवश्यक ईंधन की मात्रा को कम करता है, प्रत्येक आठ वर्ष में आता है।
  • वर्ष 2031 को विशेषज्ञों द्वारा बहुत उपयुक्त लॉन्च समय माना जा रहा है। 
  • मिशन "औपचारिक अनुमोदन और धन की प्रतीक्षा" भी कर रहा है, जो अंतरिक्षयान के संयोजन और परीक्षण से पहले आवश्यक है।

शुक्रयान-1 मिशन:

  • परिचय: 
    • शुक्रयान-1 एक ऑर्बिटर मिशन होगा। इसके वैज्ञानिक पेलोड में वर्तमान में एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) और एक ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार शामिल हैं।
      • SAR ग्रह के चारों ओर बादलों (जो दृश्यता को कम करट हैं) के बावजूद  शुक्र की सतह की जांँच करेगा।
      • यह उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियों को प्राप्त करने हेतु एक तकनीक को संदर्भित करता है। रडार सटीकता के कारण बादलों और अँधेरे में भी प्रवेश कर सकता है, जिसका अर्थ है कि यह किसी भी मौसम में दिन और रात डेटा एकत्र कर सकता है। 
    • मिशन में शुक्र ग्रह की भू-वैज्ञानिक और ज्वालामुखीय गतिविधि, ज़मीन पर उत्सर्जन, हवा की गति, बादल कवर और अंडाकार कक्षा से अन्य ग्रहों की विशेषताओं का अध्ययन करने की उम्मीद है।
  • उद्देश्य: 
    • सतह प्रक्रिया और उथले उपसतह स्ट्रैटिग्राफी की जाँच अभी तक शुक्र की उपसतह का कोई पूर्व अवलोकन नहीं किया गया है।
      • स्ट्रैटिग्राफी भूविज्ञान की एक शाखा है जिसमें चट्टान की परतों का अध्ययन किया जाता है। 
    • वायुमंडल की संरचना, और गतिशीलता का अध्ययन। 
    • शुक्र आयनमंडल के साथ सौर पवन संपर्क की जाँच। 
  • महत्त्व: 
    • इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि पृथ्वी जैसे ग्रह कैसे विकसित होते हैं और पृथ्वी के आकार के एक्सोप्लैनेट (ग्रह जो हमारे सूर्य के अलावा किसी अन्य तारे की परिक्रमा करते हैं) पर क्या परिस्थितियाँ मौजूद हैं। 
    • यह पृथ्वी की जलवायु के प्रतिरूपण में मदद करेगा तथा सावधानीपूर्वक इस प्रकार कार्य करता है कि कैसे एक ग्रह की जलवायु नाटकीय रूप से बदल सकती है। 

                                         शुक्र पर भेजे गए पूर्व मिशन 

      अमेरिका

      रूस 

      जापान 

      यूरोप 

  • मेरिनर शृंखला वर्ष 1962-1974 
  • वर्ष 1978 में पायनियर वीनस- 1 और पायनियर वीनस- 2,
  • वर्ष 1989 में मैगेलन।
  • वेनेरा की अंतरिक्षयान शृंखला वर्ष 1967-1983
  • वर्ष 1985 में वेगास- 1 और वेगास- 2
  • वर्ष 2015 में अकात्सुकी
  • वर्ष 2005 में वीनस एक्सप्रेस 

शुक्र ग्रह: 

  • इसका नाम प्रेम और सुंदरता की रोमन देवी के नाम पर रखा गया है। सूर्य से दूरी के हिसाब से यह दूसरा तथा द्रव्यमान और आकार में छठा बड़ा ग्रह है। 
  • यह चंद्रमा के बाद रात के समय आकाश में दूसरा सबसे चमकीला प्राकृतिक ग्रह है, शायद यही कारण है कि यह पहला ग्रह था जिसे दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व आकाश में अपनी गति के कारण जाना गया।
  • हमारे सौरमंडल के अन्य ग्रहों के विपरीत शुक्र और यूरेनस अपनी धुरी पर दक्षिणावर्त घूमते हैं।
  • कार्बन डाइऑक्साइड की उच्च सांद्रता के कारण यह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है जो एक तीव्र ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा करता है।
  • शुक्र ग्रह पर एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष से ज़्यादा लंबा होता है। सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने की तुलना में शुक्र को अपनी धुरी पर घूर्णन में अधिक समय लगता है।
    • सौरमंडल में किसी भी ग्रह के एक बार घूर्णन में 243 पृथ्वी दिवस और सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने हेतु 224.7 पृथ्वी दिवस लगते हैं।
  • शुक्र को उसके द्रव्यमान, आकार और घनत्व तथा सौरमंडल में उसके समान सापेक्ष स्थानों में समानता के कारण पृथ्वी की जुडवाँ बहन कहा गया है।
  • पृथ्वी का सबसे निकटतम ग्रह शुक्र है; साथ ही यह चंद्रमा के अलावा पृथ्वी का सबसे निकटतम बड़ा पिंड है।
    • शुक्र का वायुमंडलीय दाब पृथ्वी से 90 गुना अधिक है।

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  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (2014)

      अंतरिक्षयान                       उद्देश्य

  1. कैसिनी- ह्युजेन्स            शुक्र की परिक्रमा करना और डेटा को पृथ्वी पर प्रेषित करना
  2. मैसेंजर                       बुध का मानचित्रण और जाँच
  3. वॉयजर 1 और 2            बाहरी सौरमंडल की खोज

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • कैसिनी-ह्युजेन्स को शनि और उसके चंद्रमाओं का अध्ययन करने के लिये भेजा गया था। यह नासा एवं यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक संयुक्त सहयोग था। इसे वर्ष 1997 में लॉन्च किया गया था तथा वर्ष 2004 में इसने शनि की कक्षा में प्रवेश किया। मिशन वर्ष 2017 में समाप्त हुआ। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है।
  • मैसेंजर, नासा का एक अंतरिक्षयान है जिसे बुध ग्रह के मानचित्रण तथा अन्वेषण हेतु भेजा गया था। इसे वर्ष 2004 में लॉन्च किया गया था और वर्ष 2011 में इसने बुध ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया। मिशन वर्ष 2015 में समाप्त हुआ। अतः युग्म 2 सही सुमेलित है।
  • वॉयजर-1 और-2 को नासा ने वर्ष 1977 में बाह्य सौरमंडल का पता लगाने के लिये लॉन्च किया था। दोनों अंतरिक्षयान अभी भी कार्यरत हैं। अत: युग्म 3 सही सुमेलित है।

अतः विकल्प (b) सही है।


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

इसरो द्वारा लॉन्च किया गया 'मंगलयान':

  1. इसे मार्स ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है।
  2. इसने संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत को मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला दूसरा देश बना दिया। 
  3. इसने भारत को पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की कक्षा में अपना अंतरिक्षयान भेजने में सफल होने वाला एकमात्र देश बना दिया। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 और 3 
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (c) 

स्रोत: द हिंदू

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