51,200 वर्ष प्राचीन गुफा चित्रकला की खोज | 10 Jul 2024

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

हाल ही में एक शोध किया गया जिसमें काल निर्धारण की नवीन तकनीक के उपयोग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि विश्व की प्राचीनतम ज्ञात आलंकारिक गुफा चित्रकला लगभग 51,200 वर्ष पुरानी है।

  • यह चित्रकला इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में एक चूना पत्थर गुफा की छत पर पाई गई हैं।

चित्रकला से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • कलात्मक चित्रण: चित्र में दर्शाया गया है:
    • एक सुअर की आकृति जिसका मुख आंशिक रूप से खुला हुआ है। 
    • सुअर के इर्द-गिर्द तीन मानव जैसी आकृतियाँ:
      • सबसे बड़ी आकृति हाथ फैलाए, एक छड़ पकड़े हुए है। 
      • दूसरी आकृति सुअर के सामने हाथ में एक छड़ी के साथ है। 
      • तीसरी आकृति उल्टी चित्रित है, जिसके पैर ऊपर की ओर हैं और एक हाथ सुअर के सिर की ओर है।
  • काल निर्धारण में प्रयुक्त तकनीक:
    • शोधकर्त्ताओं ने चूना पत्थर गुफाओं में कैल्साइट निक्षेप के यूरेनियम शृंखला (U-सीरीज़) विश्लेषण का उपयोग कर इस शैल कला का काल निर्धारण किया।
      • शोधकर्त्ताओं ने इन चित्रों का काल निर्धारित करने के लिये लेज़र किरणों का उपयोग कर यूरेनियम के विशिष्ट समस्थानिक और थोरियम के विशिष्ट समस्थानिक के अनुपात की तुलना की।
        • समस्थानिक (Isotope) एक ही तत्त्व के परमाणु का एक रूप होता है, जिनकी परमाणु संख्या और रासायनिक गुण समान होते हैं किंतु इनके परमाणु भार/द्रव्यमान संख्या तथा भौतिक विशेषताओं में भिन्नता होती है।
    • इस पद्धति का उपयोग ‘लींग बुलू’ सिपोंग 4 में एक अन्य गुफा चित्रकला का काल निर्धारित करने के लिये भी किया गया था जिसे आरंभ में 43,900 वर्ष प्राचीन माना गया था।
      • इसके निष्कर्षों के अनुसार यह चित्रकला पूर्व में किये गए अनुमान से कम-से-कम 4,000 वर्ष अधिक प्राचीन है।
    • भारत में मध्य प्रदेश जैसे स्थानों में शैल चित्रकारी की एक महत्त्वपूर्ण शृंखला देखने को मिलती है किंतु उक्त प्रकार की कोई काल निर्धारण पद्धति मौजूद नहीं है।
  • महत्त्व:
    • शोधकर्त्ताओं के अनुसार इन चित्रों में मनुष्यों और जंतुओं की आलंकारिक कला का काल पूर्व में किये गए अनुमान की अपेक्षा कहीं अधिक हैं।
      • निएंडरथल मानव ने गुफाओं को उकेरना का अभ्यास लगभग 75,000 वर्ष पहले ही शुरू किया किंतु उनके द्वारा किये गए ये अंकन आलंकारिक/प्रतीकात्मक नहीं होते थे।
    • यह न केवल प्रारंभिक मनुष्यों की सांस्कृतिक प्रथाओं के संबंध में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है अपितु कथा की एक परिष्कृत परंपरा के उद्भव का भी सुझाव देता है जिसमें मनुष्यों और जंतुओं के बीच संबंधों को दर्शाने के लिये दृश्य कलाओं का उपयोग किया गया।

भीमबेटका शैल चित्रकारी (रॉक पेंटिंग)

  • अवस्थित: यह मध्य प्रदेश के विंध्यन पर्वतमाला में भोपाल के दक्षिण में स्थित है, जहाँ 500 से अधिक शैलचित्रों वाले शैलाश्रय हैं।
    • भीमबेटका की गुफाओं की खोज वर्ष 1957-58 में वी. एस. वाकणकर ने की थी।
    • इसे वर्ष 2003 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
  • समयावधि: अनुमान है कि सबसे पुरानी चित्रकारी 30,000 वर्ष पुरानी हैं तथा गुफाओं के अंदर स्थित होने के कारण आज भी सुरक्षित हैं।
    • 100,000 ईसा पूर्व से 1000 ईस्वी तक गुफाओं में व्याप्ति में स्पष्ट निरंतरता है तथा अनेक चित्र (पेंटिंग) एक के ऊपर एक चित्रित किये गए हैं।
      • कुछ स्थानों पर तो एक के ऊपर एक चित्रों की 20 परतें हैं।
    • भीमबेटका की चित्रकारी उच्च पुरापाषाण, मध्यपाषाण, ताम्रपाषाण, प्रारंभिक ऐतिहासिक और मध्यकालीन काल की है।
      • हालाँकि अधिकांश चित्र मध्यपाषाण युग के हैं।
  • चित्रकारी तकनीक: इसमें प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त विभिन्न रंगों जैसे लाल गेरू, बैंगनी, भूरा, सफेद, पीला और हरा आदि का उपयोग किया जाता है।
    • लाल रंग के लिये हेमेटाइट अयस्कों का इस्तेमाल किया गया था और सफ़ेद रंग संभवतः चूना पत्थर से बनाया गया था।
    • हरा रंग चाल्सेडनी नामक हरे रंग की चट्टान से तैयार किया गया था।
    • ब्रश पौधे के रेशे से बनाए गए थे।
  • चित्रों की विषय-वस्तु: प्रागैतिहासिक पुरुषों के रोज़मर्रा के जीवन को अक्सर छड़ी जैसी मानव आकृतियों में दर्शाया गया है।
    • हाथी, बाइसन, हिरण, मोर और साँप जैसे विभिन्न जानवरों को दर्शाया गया है।
    • शस्त्रधारी पुरुषों के साथ शिकार के दृश्य और युद्ध के दृश्य।
    • सरल ज्यामितीय डिज़ाइन और प्रतीक।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. सुप्रसिद्ध चित्र “बणी ठणी” किस शैली का है? (2018)

(a) बूँदी शैली 
(b) जयपुर शैली 
(c) काँगड़ा शैली 
(d) किशनगढ़ शैली 

उत्तर: (d)


प्रश्न. बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रायः चित्रित चित्रकारी है, जो- (2017)

(a) अजंता में 

(b) बादामी में 

(c) बाघ में 

(d) एलोरा में

उत्तर: (a)