37वाँ भारत-इंडोनेशिया कॉर्पेट | 25 Nov 2021
भारतीय नौसेना और इंडोनेशियाई नौसेना के बीच भारत-इंडोनेशिया समन्वित गश्ती (इंडो-इंडोनेशिया कॉर्पेट) का 37वाँ संस्करण आयोजित किया जा रहा है।
प्रमुख बिंदु
- ‘कॉर्पेट’ के विषय में:
- इस अभ्यास में दोनों राष्ट्रों के समुद्री गश्ती विमान हिस्सा लेंगे।
- यह दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी विश्वास, तालमेल और सहयोग को रेखांकित करता है।
- समुद्री संपर्कों को सुदृढ़ करने हेतु दोनों नौसेनाएँ वर्ष 2002 से वर्ष में दो बार अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के साथ ‘कॉर्पेट’ अभ्यास का संचालन कर रही हैं।
- उद्देश्य:
- इस अभ्यास का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र को वाणिज्यिक नौवहन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वैध समुद्री गतिविधियों के संचालन के लिये सुरक्षित करना है।
- ‘कॉर्पेट’ अभ्यास नौसेनाओं के बीच समन्वय एवं अंतःक्रियाशीलता के निर्माण में मदद करता है और मछली पकड़ने की अवैध व अनियंत्रित गतिविधियों की रोकथाम तथा दमन, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री डकैती की रोकथाम हेतु सूचनाओं के आदान-प्रदान, अवैध प्रवासन तथा समुद्र में खोज एवं बचाव कार्यों हेतु महत्त्वपूर्ण है।
- सागर मिशन के दृष्टिकोण के अनुरूप:
- भारत सरकार के सागर (Security And Growth for All in the Region- SAGAR) मिशन के दृष्टिकोण के एक भाग के तौर पर भारतीय नौसेना द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभ्यासों, समन्वित गश्ती, संयुक्त EEZ निगरानी और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत अभियानों के माध्यम से क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।
- इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना है।
- भारत सरकार के सागर (Security And Growth for All in the Region- SAGAR) मिशन के दृष्टिकोण के एक भाग के तौर पर भारतीय नौसेना द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभ्यासों, समन्वित गश्ती, संयुक्त EEZ निगरानी और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत अभियानों के माध्यम से क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।
- इंडोनेशिया के साथ अन्य सैन्य अभ्यास:
- समुद्र शक्ति: द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास।
- गरुड़ शक्ति: संयुक्त सैन्य अभ्यास।