प्रारंभिक परीक्षा
20वीं समुद्री राज्य विकास परिषद
- 17 Sep 2024
- 6 min read
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में गोवा में 20वीं समुद्री राज्य विकास परिषद (Maritime State Development Council- MSDC) की बैठक संपन्न हुई, जिसमें भारत के समुद्री क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई।
- इस कार्यक्रम में 80 से अधिक मुद्दों का हल करने हेतु केंद्र सरकार, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के हितधारकों को बंदरगाह आधुनिकीकरण, समुद्री अवसंरचना, संपर्कता तथा नियामक फ्रेमवर्क के लिये केंद्रित कर एक मंच पर लाया गया।
20वीं MSDC की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं ?
- नई पहल:
- MSDC ने नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम प्लेटफॉर्म पर नेशनल सेफ्टी इन पोर्ट्स कमेटी (NSPC) एप्लीकेशन की शुरुआत की, ताकि कार्य निष्पादन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग और बेहतर सूचना साझाकरण के माध्यम से विनियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा सके, दक्षता में सुधार लाया जा सके तथा समुद्री क्षेत्र के हितधारकों के लिये लागत कम की जा सके।
- मल्टी-मॉडल और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री विवादों को सुलझाने के लिये भारतीय अंतर्राष्ट्रीय समुद्री विवाद समाधान केंद्र (IIMDRC) की शुरुआत की गई, जिससे ‘भारत में समाधान’ पहल को बल मिला।
- थिंक टैंक भारतीय समुद्री केंद्र (IMC), जो समुद्री हितधारकों के बीच सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, को लॉन्च किया गया।
- बंदरगाह और राज्य रैंकिंग प्रणाली: परिषद द्वारा समुद्री क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने तथा प्रदर्शन में सुधार करने के लिये राज्य रैंकिंग फ्रेमवर्क एवं बंदरगाह रैंकिंग प्रणाली के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई।
- विरासत पहल: गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में रेखांकित किया गया, जो उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करता है।
- नाविकों पर ध्यान: नाविकों को आवश्यक कर्मचारी के रूप में मान्यता दी गई, जिससे उनकी कार्य स्थितियों में सुधार हुआ और उन्हें तटीय अवकाश की सुविधा मिली।
- प्रमुख बंदरगाह परियोजनाएँ: महाराष्ट्र के वधावन में भारत का 13वाँ प्रमुख बंदरगाह तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में गैलेथिया खाड़ी को 'प्रमुख बंदरगाह' के रूप में नामित करने पर प्रकाश डाला गया।
- इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में भारत के सबसे बड़े ड्रेजर, 12,000 घन मीटर ट्रेलर सक्शन हॉपर ड्रेजर (TSHD) के निर्माण हेतु कील बिछाने का समारोह भी किया गया, जो भारत की समुद्री अवसंरचना और क्षमताओं के लिये एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
- मेगा शिपबिल्डिंग पार्क: जहाज़ निर्माण क्षमताओं को प्रबल करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिये कई राज्यों में मेगा शिपबिल्डिंग पार्क स्थापित करने पर चर्चा की गई।
- रेडियोधर्मी जाँच उपकरण (RDE): सुरक्षा बढ़ाने के लिये बंदरगाहों पर रेडियोधर्मी जाँच उपकरण के बुनियादी ढाँचे का विकास की योजना बनाई गई। संकट में फँसे जहाज़ों को लंगर लगाने के लिये आश्रय स्थल बनाने पर भी चर्चा हुई।
भारत के समुद्री क्षेत्र से संबंधित अन्य पहल क्या हैं?
समुद्री राज्य विकास परिषद
- वर्ष 1997 में स्थापित MSDC भारत के समुद्री क्षेत्र के विकास हेतु शीर्ष सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है। इसका प्राथमिक उद्देश्य राज्य सरकारों के साथ निकट समन्वय में प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के एकीकृत विकास को बढ़ावा देना है।
- MSDC समुद्री राज्यों में छोटे, कैप्टिव और निजी बंदरगाहों के विकास की निगरानी करता है, ताकि प्रमुख बंदरगाहों के साथ उनका एकीकृत विकास सुनिश्चित किया जा सके तथा अवसंरचनात्मक आवश्यकताओं का आकलन कर संबंधित मंत्रियों की सिफारिशें की जा सकें।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. हाल ही में निम्नलिखित राज्यों में से किसने एक लंबे नौसंचालन चैनल द्वारा समुद्र से जोड़े जाने के लिये एक कृत्रिम अंतर्देशीय बंदरगाह के निर्माण की संभावना का पता लगाया है? (2016) (a) आंध्र प्रदेश उत्तर: (d) |