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प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन

  • 07 Nov 2024
  • 6 min read

स्रोत: पीआईबी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (International Buddhist Confederation- IBC)) द्वारा नई दिल्ली में प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन (Asian Buddhist Summit- ABS) का आयोजन किया गया।

प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • परिचय: यह एक महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है जिसका उद्देश्य एशिया भर में बौद्ध समुदाय के सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों का समाधान करते हुए संवाद और समझ को बढ़ावा देना है।
    • विषय: "एशिया को मज़बूत करने में बुद्ध धम्म की भूमिका" जो एशिया के सामूहिक, समावेशी और आध्यात्मिक विकास पर बल देता है।
  • शिखर सम्मेलन के मुख्य विषय:
    • बौद्ध कला, वास्तुकला और विरासत: साँची स्तूप तथा अजंता गुफाओं जैसे बौद्ध स्थलों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला गया।
    • बुद्ध चारिका और बुद्ध धम्म का प्रसार: बुद्ध की यात्राओं (बुद्ध चारिका) तथा भारत भर में शिक्षाओं के प्रसार में उनकी भूमिका पर केंद्रित है।
    • बौद्ध अवशेषों की भूमिका और समाज में इसकी प्रासंगिकता: बुद्ध के अवशेष भक्ति तथा जागरूकता को प्रेरित करते हैं, तीर्थ पर्यटन के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन करते हैं एवं शांति व करुणा को बढ़ावा देते हैं।
    • 21वीं सदी में बौद्ध साहित्य और दर्शन की भूमिका: आधुनिक दार्शनिक विमर्श में बौद्ध धर्म की स्थायी प्रासंगिकता को प्रदर्शित करता है।
    • वैज्ञानिक अनुसंधान और कल्याण में बुद्ध धम्म: मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिये बौद्ध सिद्धांतों को वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ एकीकृत करता है।
  • प्रदर्शनी: "भारत एशिया को जोड़ने वाला धम्म सेतु है" शीर्षक से एक विशेष प्रदर्शनी में एशिया भर में बौद्ध धर्म के प्रसार में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
  • भारत के लिये महत्त्व: यह शिखर सम्मेलन एशिया में सामूहिक, समावेशी और आध्यात्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फर्स्ट नीति के अनुरूप है। 

नोट: 

  • भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council of Cultural Relations- ICCR) द्वारा वर्ष 2022 में बुद्ध भूमि वंदन यात्रा का आयोजन किया गया, जिससे जापान, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका जैसे देशों के बौद्ध विद्वानों को भारत के बौद्ध स्थलों का पता लगाने और इसकी बौद्ध विरासत के बारे में जानने मदद मिली।
  • IBC नई दिल्ली स्थित एक बौद्ध छत्र निकाय है जो विश्व भर के बौद्धों के लिये एक साझा मंच के रूप में कार्य करता है।

बौद्ध धर्म को समर्थन देने के लिये भारत की हालिया पहल क्या हैं?

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. स्थाविरवादी महायान बौद्ध धर्म से संबद्ध हैं।
  2. लोकोत्तरवादी संप्रदाय बौद्ध धर्म के महासंघिक संप्रदाय की एक शाखा थी।
  3. महासंघिकों द्वारा बुद्ध को देवत्वारोपण ने महायान बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


प्रश्न: निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2019)

  1. बुद्ध का देवत्वारोपण 
  2. बोधिसत्व के पथ पर चलना
  3. मूर्ति उपासना तथा अनुष्ठान

उपर्युक्त में से कौन-सी विशेषता/विशेषताएँ बौद्धमत की है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न: भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. बोधिसत्व, बौद्धमत के हीनयान संप्रदाय की केंद्रीय संकल्पना है।
  2. बोधिसत्व अपने प्रबोध के मार्ग पर बढ़ता हुआ करुणामय है।
  3. बोधिसत्व समस्त सचेतन प्राणियों को उनके प्रबोध के मार्ग पर चलने में सहायता करने के लिये स्वयं की निर्वाण प्राप्ति विलंबित करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

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