भारतीय अर्थव्यवस्था
विश्व बैंक भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण देगा
- 04 Mar 2023
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प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल, WHO की सिफारिश, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग। मेन्स के लिये:भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति, स्वास्थ्य सेवा से संबंधित हालिया सरकारी पहल। |
चर्चा में क्यों?
विश्व बैंक ने देश को भविष्य की महामारियों हेतु तैयार रहने और अपने स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने में मदद के लिये भारत को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण की मंज़ूरी दी है।
- ऋण को 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के दो भागों में विभाजित किया जाएगा।
ऋण का उपयोग:
- इस ऋण का उपयोग भारत के प्रमुख प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (Pradhan Mantri-Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission- PM-ABHIM) का समर्थन करने हेतु किया जाएगा, जो देश भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढाँचे में सुधार करेगा, इसे अक्तूबर 2021 में लॉन्च किया गया था।
- ऋण का उपयोग कार्यक्रम के वित्तपोषण साधन के रूप में किया जाएगा, जो इनपुट के बजाय परिणाम प्राप्त करने पर केंद्रित है। ऋण की परिपक्वता अवधि 18.5 वर्ष है, जिसमें पाँच वर्ष की अनुग्रह अवधि भी शामिल है।
- महामारी तैयारी कार्यक्रम (PHSPP) के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली संभावित अंतर्राष्ट्रीय महामारियों का पता लगाने और रिपोर्ट करने के लिये भारत की निगरानी प्रणाली तैयार करने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करने हेतु 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान करेगा।
- संवर्द्धित स्वास्थ्य सेवा वितरण कार्यक्रम (EHSDP) एक पुन: डिज़ाइन किये गए प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल मॉडल के माध्यम से सेवा वितरण को मज़बूत करने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिये 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करेगा।
- इन ऋणों से एक साथ आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे सात राज्यों में स्वास्थ्य सेवा वितरण को प्राथमिकता दी जाएगी।
भारत का स्वास्थ्य-क्षेत्र:
- स्थिति:
- विश्व बैंक के अनुमान के अनुसार, भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रदर्शन में समय के साथ सुधार हुआ है। भारत की जीवन प्रत्याशा वर्ष 1990 के 58 से बढ़कर वर्ष 2022 में 70.19 हो गई है।
- पाँच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर (36 प्रति 1,000 जीवित जन्म), शिशु मृत्यु दर (30 प्रति 1,000 जीवित जन्म), और मातृ मृत्यु दर (103 प्रति 100,000 जीवित जन्म) सभी भारत के आय स्तर के औसत के करीब हैं।
- प्रमुख मुद्दे :
- अपर्याप्त चिकित्सीय अवसंरचना: भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों की कमी के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी उपकरणों और संसाधनों की कमी है।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल के अनुसार, भारत में प्रति 1000 जनसंख्या पर केवल 0.9 बिस्तर (Bed) उपलब्ध हैं और इनमें से केवल 30% ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
- डॉक्टर-रोगी अनुपात में अंतर: सबसे गंभीर चिंताओं में से एक डॉक्टर-रोगी अनुपात में अंतर है। इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मुताबिक, भारत को वर्ष 2030 तक 20 लाख डॉक्टरों की आवश्यकता होगी।
- हालाँकि वर्तमान में सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर ~ 11000 रोगियों की परिचर्या करता है, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अनुशंसा अनुपात 1:1000 से अधिक है।
- पर्याप्त मानसिक स्वास्थ्य देखभाल का अभाव: भारत में प्रति व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की संख्या सबसे कम है।
- मानसिक स्वास्थ्य पर सरकार का व्यय भी बहुत कम है। इसके परिणामस्वरूप खराब मानसिक स्वास्थ्य परिणाम और मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों की पर्याप्त देखभाल नहीं हो पाती है।
- स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित सरकार की वर्तमान पहलें:
- अपर्याप्त चिकित्सीय अवसंरचना: भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों की कमी के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी उपकरणों और संसाधनों की कमी है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' के उद्देश्य हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (A) मेन्स:प्रश्न. “एक कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है।” विश्लेषण कीजिये। (2021) |