वाहन स्क्रैपिंग नीति लाँच | 14 Aug 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में निवेशक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए वाहन स्क्रैपिंग नीति/राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति का शुभारंभ किया।
- शिखर सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत वाहन स्क्रैपिंग बुनियादी ढाँचे की स्थापना के लिये निवेश को प्रोत्साहित करना है।
- सरकार द्वारा मार्च 2021 में वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा की गई थी।
- इस नीति के तहत 51 लाख हल्के मोटर वाहन (LMV) शामिल होने का अनुमान है जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं और अन्य 34 लाख LMV 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं।
प्रमुख बिंदु
लक्ष्य:
- पुराने व खराब वाहनों की संख्या को कम करना, वायु प्रदूषकों को कम करना, सड़क और वाहनों की सुरक्षा में सुधार करना।
प्रावधान:
- फिटनेस परीक्षण:
- पुराने वाहनों को पुन: पंजीकरण से पहले एक फिटनेस टेस्ट पास करना होगा और नीति के अनुसार सरकारी वाणिज्यिक वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने तथा निजी वाहन जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं, उन्हें रद्द कर दिया जाएगा।
- पुराने वाहनों का परीक्षण अधिकृत ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर में किया जाएगा और केवल आयु के आधार पर उन्हें स्क्रैप नहीं किया जाएगा।
- एमिशन टेस्ट, ब्रेकिंग सिस्टम, सेफ्टी कंपोनेंट्स की जाँच की जाएगी तथा फिटनेस टेस्ट में फेल होने वाले वाहनों को रद्द कर दिया जाएगा।
- यदि पुराना वाहन परीक्षण पास कर लेता है, तो मालिक उसका उपयोग जारी रख सकता है, लेकिन उसके पुन: पंजीकरण के लिये शुल्क बहुत अधिक होगा।
- केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने स्क्रैपिंग सुविधाओं, उनकी शक्तियों और पालन की जाने वाली स्क्रैपिंग प्रक्रिया हेतु पंजीकरण प्रक्रिया के लिये भी नियम जारी किये हैं।
- सड़क कर छूट:
- राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि वे पुराने वाहनों के मालिकों को पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को स्क्रैप करने हेतु प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये निजी वाहनों के लिये 25% तक तथा वाणिज्यिक वाहनों के लिये 15% तक की रोड-टैक्स छूट प्रदान करें।
- वाहन छूट:
- वाहन निर्माता उन लोगों को भी 5% की छूट देंगे जो 'स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट' का उपयोग करेंगे और नए वाहन की खरीद पर पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया जाएगा।
- हतोत्साहन:
- प्रारंभिक पंजीकरण तिथि से 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के वाहनों के लिये बढ़ा हुआ पुन: पंजीकरण शुल्क लागू होगा, जिससे लोग हतोत्साहित होंगे।
महत्त्व:
- स्क्रैप यार्ड का निर्माण:
- इससे देश में अधिक स्क्रैप यार्ड का निर्माण होगा और पुराने वाहनों के कचरे में सुधार होगा।
- भारत को पिछले वर्ष के दौरान 23,000 करोड़ मूल्य के स्क्रैप स्टील का आयात करना पड़ा क्योंकि भारत में बहुत सीमित मात्रा में का स्क्रैपिंग होती है और भारत ऊर्जा तथा दुर्लभ पृथ्वी धातुओं की प्राप्ति में सक्षम नहीं है।
- रोज़गार:
- नए फिटनेस सेंटरों में 35 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा और 10,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
- बेहतर राजस्व:
- यह भारी और मध्यम वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देगा जो आईएल एंड एफएस (इन्फ्रास्ट्रक्चर लीज़िग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज़ के दिवालिया होने और कोविड -19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक मंदी के परिणामस्वरूप संकुचन की स्थिति में थे।
- इस नीति से सरकारी खजाने को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ज़रिये करीब 30,000 से 40,000 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।
- कीमतों में कमी:
- धातु और प्लास्टिक के पुर्जों के पुनर्चक्रण से ऑटो घटकों की कीमतों में भारी गिरावट आएगी।
- जैसे-जैसे स्क्रैप की गई सामग्री सस्ती होगी वाहन निर्माताओं की उत्पादन लागत भी कम होगी।
- प्रदूषण को कम:
- यह वाहनों की संख्या के आधुनिकीकरण में प्रमुख भूमिका निभाएगा क्योंकि यह देश भर में अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में मदद करेगा एवं एक चक्रीय अर्थव्यवस्था तथा वेस्ट टू वेल्थ मिशनको बढ़ावा देगा।
- चूँकि पुराने वाहन 10 से 12 गुना अधिक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और अनुमानतः 17 लाख मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं।
वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिये अन्य पहलें:
- गो इलेक्ट्रिक अभियान
- फेम इंडिया योजना चरण II
- दिल्ली के लिये इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति, 2020
- हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित बस और कार परियोजना
- नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन 2020